siwan news : शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी की सघन जांच के लिए डीइओ ने गठित की कमेटी

siwan news : जिले के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत सभी प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापक व शिक्षकों की उपस्थिति इ- शिक्षाकोष एप के माध्यम से बन रही है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा दिये गये निर्देश के अनुसार एक अक्तूबर से ऑनलाइन माध्यम से बनायी गयी उपस्थिति के आधार पर ही शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को वेतन भुगतान किया जायेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | September 24, 2024 9:59 PM
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सीवान. जिले के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत सभी प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापक व शिक्षकों की उपस्थिति इ- शिक्षाकोष एप के माध्यम से बन रही है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा दिये गये निर्देश के अनुसार एक अक्तूबर से ऑनलाइन माध्यम से बनायी गयी उपस्थिति के आधार पर ही शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को वेतन भुगतान किया जायेगा. जिले में अवस्थित लगभग 23 सौ सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों की ऑनलाइन उपस्थिति की तकनीकी पहलू की जांच के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी राघवेंद्र प्रताप सिंह ने एक कमेटी का गठन किया है. कमेटी में चार सदस्य हैं. डीइओ ने बताया कि कमेटी का काम इस बात की सघन जांच करनी है कि इ-शिक्षाकोष एप पर शिक्षक अपने मोबाइल द्वारा या प्रधानाध्यापक द्वारा स्कूल एडमिन के माध्यम से दैनिक उपस्थिति दर्ज हो रही है या नहीं. विद्यालय का अक्षांश देशांतर और शिक्षक का फोटो इन सभी बिंदुओं पर कमेटी सघन जांच करेगी. कमेटी के अध्यक्ष कार्यक्रम पदाधिकारी जय सिंह बनाये गये हैं और कमेटी के अन्य सदस्यों में डीपीएम अभयतोष गिरि, डीपीएम आइसीटी जावेद आलम और प्रोग्रामर अजहर नईम शामिल हैं. कमेटी को यह दायित्व दिया गया है कि पूरे जिले में रेंडम आधार पर इ-शिक्षाकोष एप पर शिक्षक उपस्थिति एवं अन्य तकनीकी पहलू की जांच करनी है और उसकी समीक्षा कर जिला शिक्षा पदाधिकारी को प्रतिवेदन उपलब्ध कराना है. जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा जारी इस पत्र से एक बात तो स्पष्ट है कि शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति के मामले में राज्य स्तर से लेकर जिला मुख्यालय तक गंभीर है. जिला शिक्षा पदाधिकारी राघवेंद्र प्रताप सिंह के इस पत्र से यह सुनिश्चित होगा कि शिक्षक प्रतिदिन समय से विद्यालय में उपस्थित रहें और समय से ही विद्यालय से प्रस्थान करें, क्योंकि शिक्षक जब विद्यालय में उपस्थित रहेंगे, तो निश्चित रूप से पठन-पाठन का माहौल बनेगा और बच्चों की उपस्थिति भी बढ़ेगी. बहरहाल अब यह साफ हो गया है कि शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति के आधार पर ही एक अक्तूबर से उनके वेतन का भुगतान किया जायेगा.

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