सीवान में पर महीने छपता था करोड़ों का स्टांप पेपर, दो गिरफ्तार

जिले में नकली स्टांप पेपर को प्रिंट करके गोरखपुर में सप्लाई करने वाले गिरोह को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 6, 2024 9:29 PM

: यूपी कोर्ट में नकली स्टांप पकड़े जाने पर होने लगी जांच सीवान. जिले में नकली स्टांप पेपर को प्रिंट करके गोरखपुर में सप्लाई करने वाले गिरोह को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. जिसमें सीवान के महादेवा थाना क्षेत्र के नयी बस्ती के रहने वाले मो. कमरुद्दीन और उनका नाती साहेबजादे शामिल हैं. यूपी पुलिस से प्राप्त जानकारी के मुताबिक गोरखपुर कचहरी में 50 हजार रुपये के जाली स्टांप पकड़ा गया था. 10 जनवरी 2024 को इस मामले में कैंट थाने में केस दर्ज किया गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे प्रकरण की जांच के लिए एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई की निगरानी में एसआइटी का गठन किया गया. एसआइटी ने 19 जनवरी को गोरखपुर के स्टांप वेंडर रविदत्त मिश्र को गिरफ्तार किया. उससे पूछताछ के बाद गिरोह की गिरफ्तारी में टीम लगी थी. जिसके निशानदेही पर छापेमारी शुरू की गई. छापेमारी में पुलिस ने देवरिया, गोरखपुर व कुशीनगर सहित अन्य क्षेत्रों में छापेमारी किया. जिसमें कुशीनगर के रामलखन जायसवाल, ऐश मोहम्मद, रविंद्र दीक्षित, देवरिया के संतोष गुप्ता और नंदू उर्फ नंदलाल की गिरफ्तारी की गई. जहां पुलिस ने उनलोगों से गहनता से पूछताछ किया और महादेवा थाना क्षेत्र के नई बस्ती निवासी जाली नोट छापने वाले मास्टरमाइंड मो. कमरुद्दीन और उसके नाती साहबजादे को गिरफ्तार कर लिया. जिनके पास से पुलिस ने एक करोड़ 52 हजार 30 रुपये के नकली स्टांप के अलावा छपाई मशीन, यूपी व बिहार के गैर-न्यायिक स्टांप, एक लैपटॉप, सौ पैकेट इंक, पेपर कटर मशीन और सादा कागज बरामद किया हैं. कमरुद्दीन ने ससुर से सीखा था जाली स्टांप छापने की तकनीक पूछताछ में कमरुद्दीन ने पुलिस को बताया कि ससुर से जाली स्टांप की छपाई सीखी थी. उसके बाद उसने बेटे और नाती को भी सिखा दिया था. कमरूद्दीन के नाती साहेबजादे ने तो स्टांप के सिक्योरिटी फीचर पर आधारित कोर्स भी किया था. इनमें से कमरुद्दीन इसी तरह के मामले में 1986 में पहले भी जेल जा चुका है.

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