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शहर की चमड़ा मंडी की सड़क बनी नाला, पैदल चलना मुश्किल

शहर में नालियों के तेजी से विस्तार के नाम पर प्रत्येक वर्ष करोड़ों का बजट खर्च करनेवाले नगर परिषद के नजर से चमड़ा मंडी मार्ग ओझल है.

सीवान.

शहर में नालियों के तेजी से विस्तार के नाम पर प्रत्येक वर्ष करोड़ों का बजट खर्च करनेवाले नगर परिषद के नजर से चमड़ा मंडी मार्ग ओझल है. मौजूदा जाड़े का मौसम हो या गर्मी के ऐसे मौसम जब ताल तलैया तक सुख जाते हैं, वैसे वक्त में भी चमड़ा मंडी मार्ग पर जलजमाव का नजारा बना रहता है. हाल यह है कि वार्ड 41 स्थित चमड़ा मंडी स्थित बाईपास मुख्यमार्ग पर नाले का पानी बह रहा है. इससे सड़क से गुजरने वाले राहगीरों और स्थानीय लोगों को परेशानी हो रही है.

शहर के व्यस्तम इलाका कहे जाने वाला चमड़ा मंडी के समीप मुख्य सड़क पर जलजमाव होने से लोगों का राह चलाना मुश्किल हो गया है. सड़क किनारे बसे लोग घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. स्थानीय लोगों ने अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी. वहीं कई जगह गड्ढे हो गये हैं. नाली का गंदा पानी सड़क पर बह रहा है. लोगों को उसी गंदे पानी से होकर आना-जाना पड़ रहा है. अभी यह स्थिति है तो बारिश के दिनों में हालात क्या होंगे आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं. सड़क की स्थिति नारकीय बनी हुई है. जलनिकासी की मांग लोगों ने की, लेकिन अब तक इस ओर पहल नहीं हो पाई है. ऐसा नहीं है कि अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं, लेकिन समस्या की अनदेखी की जा रही है. जिसके जारण स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश हैं.

तकरीबन तीन वर्षों से बनी है जलजमाव की स्थिति :

बताते चलें की चमड़ा मंडी हरिजन बस्ती में तकरीबन तीन वर्षों से जलजमाव की स्थिति बनी हैं. इस मामले स्थानीय वार्ड संख्या 41 के पार्षद अब्दुल खालिक ने बताया की जलनिकासी की जगह नही होने के कारण जलजमाव की स्थिति बनी हुई हैं. जब तक जल निकासी के लिए कोई योजना नही बनेगी. तब तक जल जमाव की स्थिति समाप्त नहीं होगी.

चार लाख खर्च, फिर भी परेशानी बरकरार :

बताया जाता है कि दुर्गा पूजा पर्व को देखते हुए अक्तूबर महीने में जल निकासी की व्यवस्था के लिए तकरीबन चार लाख रुपये की लागत से एक नाले का निर्माण कराया गया था. हालांकि वह भी फेल हो गया है. जिस नाला का निर्माण कराया गया था उस नाला से जल निकासी नहीं हो पा रही है.

हमलोग मजदूर हैं. दिनभर में चार से पांच बार आना जाना होता हैं. लेकिन जलजमाव होने के कारण काफी परेशनी होती हैं. जिससे संक्रमण की खतरा भी बनी हुई हैं. – इकबाल आलम, वार्ड 41

जलजमाव के कारण सबसे अधिक परेशानी महिलाओं और स्कूली बच्चों को झेलनी पड़ रही हैं. कई बार शिकायत के बावजूद भी अबतक जलजमाव से निजात के लिए कोई समाधान नहीं निकला. – जावेद अहमद मंसूरी, चमड़ा मंडी

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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