टूटेगा जिला यक्ष्मा केंद्र का भवन

सीवान. सिविल सर्जन डॉक्टर श्रीनिवास प्रसाद एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक विशाल कुमार सिंह ने सदर अस्पताल में निर्माणाधीन 150 बेड के मॉडल अस्पताल भवन के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण के लिए जिला यक्ष्मा केंद्र के लगभग आधे हिस्से को तोड़ने का निर्देश दे दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 15, 2024 8:34 PM

संवाददाता,सीवान. सिविल सर्जन डॉक्टर श्रीनिवास प्रसाद एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक विशाल कुमार सिंह ने सदर अस्पताल में निर्माणाधीन 150 बेड के मॉडल अस्पताल भवन के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण के लिए जिला यक्ष्मा केंद्र के लगभग आधे हिस्से को तोड़ने का निर्देश दे दिया है. जिला यक्ष्मा केंद्र के भवन को तोड़ने के बीएमएसआईसीएल के परियोजना विभाग द्वारा चिह्नित किया जा चुका है.100 केएलडी क्षमता वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण के लिए 300 वर्ग मीटर भूमि की आवश्यकता है.जिला यक्ष्मा केंद्र के भवन को वर्षों पहले भवन निर्माण विभाग द्वारा परित्यक्त घोषित किया जा चुका है..जिला यक्ष्मा केंद्र का भवन तोड़े जाने के बाद जिला यक्ष्मा केंद्र का सीडीओ कक्ष,सीबीनेट लैब,एमडीआर मरीजों की दवा रखने वाला वातानुकूलित औषधि भंडार, कार्यालय एवं डब्लूएचओ को दूसरी मंजिल पर स्थित ऑफिस प्रभावित होगा.भवन तोड़े जाने के बाद व्यवस्था किस प्रकार होगी.इस संबंध में सिविल सर्जन एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक द्वारा की निर्देश नहीं दिया गई है.सिविल सर्जन का फरमान मिलने के साथ ही यक्ष्मा विभाग के कर्मचारियों ने दक्षिण की तरफ से भवन को खाली करना शुरू कर दिया है. मेडिकल गैस पाइप लाइन सर्विस एवं फायर फाइटिंग निर्माण के लिए तोड़ा गया डायरिया कक्ष एवं गोदाम सिविल सर्जन के निर्देश पर सदर अस्पताल के मॉडल अस्पताल भवन के संचालन के लिए डायरिया एवं पुराने औषधि गोदाम को तोड़ दिया गया.मॉडल अस्पताल के सुगम संचालन हेतु मेडिकल गैस पाइप लाइन सर्विस एवं फायर फाइटिंग जैसे मैनीफोल्ड रूम एवं पंप हाउस का निर्माण कराया जाना है. इसके लिए 40 X 400 या 1600 वर्ग फुट भूमि की आवश्यकता है. क्या कहते हैं जिम्मेदार भवन के कुछ हिस्सों को तोड़ने के बाद टीबी मरीजों की इलाज की व्यवस्था थोड़ा प्रभावित होगी.सीबीनेट लैब को माइक्रोस्कोपिक कब में शिफ्ट किया जाएगा.एमडीआर टीबी मरीजों की दवा कहीं दूसरी जगह एसी लगाकर रखी जायेगी.जितना जगह बचेगा उसी में किसी तरह कम चलाना है. डॉक्टर अनिल कुमार सिंह,सीडीओ यक्ष्मा,सीवान

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