सदर अस्पताल में बर्न वार्ड नहीं होने से परेशानी
सदर अस्पताल में बर्न वार्ड नहीं होने से आग से जले मरीजों को उपचार कराने मैं काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
सीवान. सदर अस्पताल में बर्न वार्ड नहीं होने से आग से जले मरीजों को उपचार कराने मैं काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आग से जले मरीजों को भर्ती करने के लिए एसी सुविधा सहित बर्न वार्ड बनाया गया था. 150 बेड के मॉडल अस्पताल भवन के निर्माण के क्रम में महिला वार्ड टूट जाने से बर्न वार्ड का उपयोग महिला वार्ड के रूप में किया जाने लगा. अब आग से जले मरीजों को सामान्य मरीजों के साथ एक ही वार्ड में रखा जाता है. एक ही वार्ड में सभी मरीजों के रखे जाने से आग से जले मरीजों में संक्रमण होने की संभावना बनी रहती है. अस्पताल प्रशासन द्वारा आग से जले मरीजों को भर्ती करने के लिए बर्न वार्ड बनाने के संबंध में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गई. वातानुकूलित वार्ड की व्यवस्था नहीं होने के कारण थोड़े से भी आग से जले मरीजों को पीएमसीएच पटना रेफर कर दिया जाता है. आपातकालीन सहित सामान्य वार्ड के खराब पड़े हैं सभी एसी सदर अस्पताल के आपातकालीन कक्षा, माहिला वार्ड एवं पुरुष वार्ड का एसी रखरखाव के अभाव में पिछले साल से ही खराब पड़ा हुआ है. गर्मी का मौसम शुरू हो गया. अस्पताल प्रशासन द्वारा एसी को ठीक नहीं किए जाने के कारण मरीज को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. विभिन्न वार्डों में तो कई पंखे भी खराब पड़े हुए हैं. गर्मी के मौसम में पंखे खराब होने से मरीज को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पिछले साल अत्यधिक गर्मी पड़ने के कारण अस्पताल प्रशासन द्वारा मरीजों की सुविधा के लिए वार्डों में कूलर लगाए गए थे. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के कक्ष में लगे एसी का मरम्मत कराया जा रहा है. जो रिपेयर नहीं किया जा सकते हैं. उनके स्थान पर नए एसी लगायें जा रहे हैं.