Siwan weather दिनभर बादल छाने व पुरवा हवा से तापमान में गिरावट आ गई है. तापमान में गिरावट के बाद भी लोगों को उमसभरी गर्मी से राहत नहीं मिली. बुधवार को अधिकतम तापमान 34 व न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं 14 किमी/घंटे की रफ्तार से पुरवा हवा चली. लेकिन 75 फीसदी आर्द्रता के कारण लोगों को उमस ने परेशान किया. आर्द्रता के चलते 48 डिग्री सेल्सियस तापमान की अनुभूति लोगों को हुई.
उमस ने लोगों को बेहाल कर दिया. शरीर चिपचिपाता रहा और बदन पर कपड़े पसीने से गीले होते रहे. बादलों से घिरे मौसम के चलते बढ़ी उमस से घरों में लगे पंखों की हवा भी राहत नहीं दे पा रही है. उमस में हुई वृद्धि ने कूलर व पंखों तक को बेकार करके रख दिया है. सकें. दिनभर बादलों और सूरज के बीच आंख मिचौनी चलती रही. ऐसे में सूरज की तपिश काफी कम रही. शाम ढलने के बाद भी उमस में कोई कमी नहीं थी.
मॉनसून की बेरुखी
बारिश के इंतजार में टकटकी लगाये है किसान मॉनसून की बेरुखी ने किसानों के चेहरे पर शिकन ला दिया है. किसानों को अकाल पड़ने की चिंता सता रही है. जिले में खरीफ की मुख्य फसल धान है. धान के अलावा यहां मकई, बाजरा, उड़द, अरहर सहित अन्य फसलों की भी खेती होती है. बारिश के अभाव में फसल झुलस रही है. वहीं धान की रोपनी का समय बीत रहा है. खेतों में धूल उड़ रहा है.
किसान भगवान इंद्र से झमाझम वर्षा की प्रार्थना
बादल देखकर किसान बारिश की इंतजार कर रहे है. चिंतित किसान भगवान इंद्र से झमाझम वर्षा की प्रार्थना कर रहे हैं. मौसम की बेरुखी ने वैकल्पिक खेती के विकल्प का भी द्वार बंद कर रखा है. जिन खेतों में अरहर और मकई सहित अन्य भदई फसलों की बोआई हुई, उनमें अपेक्षित अंकुरण नहीं हुआ या फिर पौधे भी कुपोषण के शिकार हो रहे या फिर मुरझा रहे है. बारिश से मौसम में आया था बदलाव बारिश होने और बादलों के छाए रहने से मौसम राहत भरा बना हुआ था.
रविवार को अचानक मौसम में परिवर्तन हुआ. धूप सुबह ही निकलने लगी थी. आसमान में दिख रहे कुछ बादल भी जल्द छंट गए. चिलचिलाती धूप लोगों को परेशान कर रही थी. हालांकि तापमान कम होने से उनमें पहले जैसे असर नहीं दिख रहा था. तेज धूप के चलते लोग बाजारों में भी कम दिख रहे थे. मौसम विशेषज्ञ का कहना है. उमस भरी गर्मी से राहत नही मिलने वाली है. तापमान में बढ़ोतरी नहीं होगी. धीमी रफ्तार से पुरवा हवा चलेगी. आर्द्रता अधिक होने के चलते गर्मी लोगों को परेशान करेगी. बीमारियों का बढ़ा खतरा बारिश के मौसम शुरू होते ही तरह-तरह की बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ने लगी है.
इस मौसम में डायरिया, टाइफाइड, वायरल फीवर व मलेरिया सबसे ज्यादा और तेजी से फैलता है.डॉ. संजय गिरी ने बताया कि टाइफाइड और डायरिया खराब खाने-पीने से होता है. इसमें उल्टी-दस्त की समस्या भी रहती है. कुछ बैक्टीरिया वायरल फीवर का कारण भी बन जाते हैं. खान-पान व रहने की बेहतर व्यवस्था के बदौलत बीमारियों से बचा जा सकता है. इस मौसम में हर उम्र के लोगों को थोड़ी सी असावधानी होने पर बीमारी अपने चपेट में ले लेती है. सावधान रहने की जरूरत है. इस मौसम में चिकेनगुनिया, डेंगू, मलेरिया के साथ बच्चों में जेइ-एइएस का खतरा अधिक बढ़ जाता है. लोगों को हर स्तर से सावधान रहने की जरूरत है. मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों से बचाव के लिए कहीं भी पानी जमा नहीं होने दें. इस मौसम में जितना हो सके पानी उबाल कर ही पीना जरूरी है. सोते वक्त मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.
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