उमसभरी गर्मी ने लोगों को किया परेशान

आसमान में दिनभर बादल छाने व पुरवा हवा के प्रवाह से तापमान में गिरावट आ गयी है. हालांकि तापमान में गिरावट के बाद भी लोगों को उमसभरी गर्मी से राहत नही मिली. रविवार को अधिकतम तापमान 31 व न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

By Prabhat Khabar Print | June 30, 2024 9:46 PM

संवाददाता ,सीवान. आसमान में दिनभर बादल छाने व पुरवा हवा के प्रवाह से तापमान में गिरावट आ गयी है. हालांकि तापमान में गिरावट के बाद भी लोगों को उमसभरी गर्मी से राहत नही मिली. रविवार को अधिकतम तापमान 31 व न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं 10 किमी/घंटे की रफ्तार से पुरवा हवा चली. लेकिन 89 फीसदी आर्द्रता के कारण लोगों को उमस ने परेशान किया. उमस से लोग पूरी तरह बेहाल कर दिया. शरीर चिपचिपाता रहा और बदन पर कपड़े पसीने से गीले होते रहे. बादलों से घिरे मौसम के चलते बढ़ी उमस से घरों में लगे पंखों की हवा भी राहत नहीं दे पा रही है. उमस में हुई वृद्धि ने कूलर व पंखों तक को बेकार करके रख दिया है. .दिनभर बादलों और सूरज के बीच आंखमिचौनी चलती रही. शाम ढलने के बाद भी उमस में कोई कमी नहीं थी. बारिश के इंतजार में टकटकी लगाए है किसान खरीफ फसल की बुआई के लिए उत्तम काल 15 जून से 30 जून के बीच माना जाता है. यों तो क्षेत्र की खरीफ की महत्वपूर्ण फसल धान है. वहीं यहां मकई,बाजरा, उड़द, अरहर सहित अन्य फसलों की भी खेती होती है. बारिश के अभाव में इन फसलों की बुआई का समय बीत रहा है. आद्रा नक्षत्र में ही इन फसलों को लगाया जाता है. बादल देखकर किसान बारिश की इंतजार कर रहे है. चिंतित किसान भगवान इंद्र से झमाझम वर्षा की प्रार्थना कर रहे हैं. मौसम की बेरुखी ने वैकल्पिक खेती के विकल्प का भी द्वार बंद कर रखा है. जिन खेतों में अरहर और मकई सहित अन्य भदई फसलों की बोआई हुई, उनमें अपेक्षित अंकुरण नहीं हुआ या फिर पौधे भी कुपोषण के शिकार हो रहे या फिर मुरझा रहे है. मौसम में बदलाव लाता है बीमारियां मौसम में बदलाव अपने साथ बहुत सारी बीमारियां साथ लेकर आता है. चिकित्सकों का कहना है कि बदलते मौसम में खान पान पर ध्यान देने की जरूरत है. पौष्टिक आहार लेना चाहिए, इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. पर्याप्त पानी पीना चाहिए. मौसमी फलों एवं सब्जियों का खाने में प्रयोग करना चाहिए. विटामिन सी वाले फल जैसे संतरा, नींबू ज्यादा लेना चाहिए क्योंकि यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं. शीतल पेय पदार्थों का सेवन से परहेज करना चाहिए. मानसून हुआ सक्रिय बरसेंगे बदरा दिन व रात में घने बादल का छाना खेती किसानी के लिए अच्छे संकेत है. किसानों की समस्या जल्द ही दूर होने वाली है. क्योंकि जिला परिक्षेत्र में मानसून सक्रिय हो रहा है. मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक दो से तीन दिनों में मानसून पूर्ण रूप से सक्रिय होगा. मौसम विशेषज्ञ डॉ. मनोज कुमार गिरी ने बताया कि चक्रवाती हवा के कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. जिससे बंगाल की खाड़ी से आ रही पूर्वी हवाओं के प्रभाव से हल्की बारिश हुई. इस दौरान हल्की से भारी वर्षापात होने की संभावना है. जून माह में औसतन 143 एमएम बारिश होती है. लेकिन इस बार जून माह में 70 एमएम की पिछले वर्षों की तुलना करें तो अबतक जून माह काफी गर्म रहा है. हालांकि मौसम विभाग ने जुलाई माह को बारिश के लिए अनुकूल बताया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version