वित्तीय गड़बड़ी में नपं के प्रधान सहायक बर्खास्त

नगर परिषद सीवान में कार्यरत प्रधान सहायक किशनलाल को वित्तीय अनियमितता,अनुशासनहिनता समेत अन्य कई गंभीर आरोपों का दोषी पाये जाने पर बर्खास्त कर दिया गया है.जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां वर्ष 2018 में दायर एक परिवाद के मामले में बार- बार पत्राचार के बाद भी संतोषजनक जवाब न देने पर बर्खास्तगी की कार्रवाई नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ने की है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 27, 2024 9:30 PM

संवाददाता,सीवान. नगर परिषद सीवान में कार्यरत प्रधान सहायक किशनलाल को वित्तीय अनियमितता,अनुशासनहिनता समेत अन्य कई गंभीर आरोपों का दोषी पाये जाने पर बर्खास्त कर दिया गया है.जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां वर्ष 2018 में दायर एक परिवाद के मामले में बार- बार पत्राचार के बाद भी संतोषजनक जवाब न देने पर बर्खास्तगी की कार्रवाई नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ने की है. मालूम हो कि नगर परिषद में वित्तिय अनियमितता के मामले में वर्ष 2018 में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां वाद दायर हुआ था.इसके बाद डीएम के निर्देश पर जांच व प्रपत्र क गठन की कार्रवाई के साथ ही जवाब तलब होता रहा.बताया जाता है कि डस्टबीन क्रय और कुड़ा निस्तारण में अनियमितता के आरोप में दोषी कर्मियों पर प्रपत्र ””””क”””” गठन कर जवाब मांगा गया. इस क्रम में दस विंदुओं पर आरोप पत्र किशनलाल प्रधान सहायक -सह- लेखापाल पर तय करते हुए जवाब मांगे गये.विभाग का कहना है कि लंबे समय से पत्राचार के बाद भी कोई जवाब नहीं दिया गया. किशनलाल को अनेकों बार कारण पृच्छा समर्पित करने हेतु मौका देने के बावजूद भी इनके द्वारा जबाव महीं दिया गया. जानबुझ के अनावश्यक रूप से समय व्यतीत कर विभागीय कार्यवाही में बाधा उत्पन्न कर रहे थे. डीएम के आदेश पर दर्ज हुई प्राथमिकी किशनलाल पर अनियमितता के आरोप में नगर थाना में नवंबर 2021 में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी.यह प्राथमिकी डीएम के निर्देश पर दर्ज हुआ.इस मामले में 21 अप्रैल 2022 को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.तकरीबन नौ माह तक जेल में रहने के बाद पटना हाईकोर्ट से जमानत पर फरवरी 2023 में बाहर आये.इसके बाद भी विभागीय कार्रवाई चलती रही. बिहार वित्तीय नियमावली 2005 के तहत हुई बर्खास्तगी प्रधान सहायक किशनलाल के कर्तव्य के प्रति लापरवाही,उदासीनता, अनुशासनहिनता, स्वच्छाचारिता बरतने, वित्तीय अनियमितता के दोषी मानते हुए बिहार वित्तीय नियमावली 2005 के नियम 126 व 131 में निहित प्रावधानों का उल्लंघन माना गया है. ऐसे में बिहार सरकारी सेवक (अभिकरण नियंत्रण एवं अपील) नियमावली 2005 के धारा 14(X) के तहत सेवा से बर्खास्त किया गया है.कार्यपालक पदाधिकारी अरविंद कुमार सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि कार्रवाई से सरकार को अवगत करा दिया गया है.

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