बिहार में शराबबंदी हुई तो यूपी में डाली स्प्रिट की फैक्ट्री

सीवान.सारण प्रमंडल में कच्ची शराब के फैले अवैध कारोबार की परत दर परत गुत्थी सुलझाने में पुलिस जुटी है.इसी कड़ी में अब तक इस पूरे अवैध खेल का सबसे बड़ा सरगना महेश गुप्ता निकला है.पड़ोसी राज्य यूपी के देवरिया जिले के भिंडा मिश्र के महेश ने अपने गांव में ही स्प्रिट की फैक्ट्री डाल दी.जहां से युवाओं का एक बड़ा नेटवर्क तैयार कर बिहार के सभी सीमावर्ती जिले में शराब निर्माण के लिये स्प्रिट भेजता रहा.

By Prabhat Khabar News Desk | October 21, 2024 8:47 PM

संवाददाता,सीवान.सारण प्रमंडल में कच्ची शराब के फैले अवैध कारोबार की परत दर परत गुत्थी सुलझाने में पुलिस जुटी है.इसी कड़ी में अब तक इस पूरे अवैध खेल का सबसे बड़ा सरगना महेश गुप्ता निकला है.पड़ोसी राज्य यूपी के देवरिया जिले के भिंडा मिश्र के महेश ने अपने गांव में ही स्प्रिट की फैक्ट्री डाल दी.जहां से युवाओं का एक बड़ा नेटवर्क तैयार कर बिहार के सभी सीमावर्ती जिले में शराब निर्माण के लिये स्प्रिट भेजता रहा.जिसकी पोल आखिरकार चार दर्जन से अधिक गरीबों के मौत के बाद खुली है. जहरीली शराब कांड ने अब तक दर्जनों परिवार को उजाड़ दिया है.चार दर्जन से अधिक मौत के साथ ही कई लोगों के आंखों की रोशनी शराब ने छीन ली.इसके बाद पुलिस की शुरू कार्रवाई के चलते नये-नये तस्वीर सामने आ रहा है.पुलिस ने माना है कि देवरिया के भाटपार रानी प्रखंड के भिंडा मिश्र का महेश गुप्ता ही यहां स्प्रिट की सप्लाई करता था.हाल में हुयी घटना में यह स्प्रिट छपरा के मशरख के रहनेवाले मंटू सिंह ने मंगायी थी,जिसके बनाये गये शराब के पीने से ये मौत हुई.इसी को लेकर पूछताछ में यह बात सामने आयी है कि सारण प्रमंडल के सीवान,गोपलगंज व छपरा जिले में धंधेबाजों से संपर्क कर स्प्रिट की महेश गुप्ता ने आपूर्ति शुरू की.जिससे जगह जगह शराब निर्माण का धंधा चलने लगा. बिहार पुलिस ने अब भाटपाररानी थाना क्षेत्र के भिंडा मिश्र निवासी महेश गुप्ता को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी की सूचना मिलने के बाद लोग भी तरह-तरह की चर्चाएं करने लगे हैं.यह कहा जा रहा है कि महेश आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है. 2016 में बिहार में शराब बेचने व पीने पर रोक लग गई, जिसके बाद उसकी लाटरी खुल गई. वह शराब तस्करों के बड़े गैंग से जुड़ गया. इसके बाद उसने श्रीराम केमिकल एंड डिनेचर्ड स्प्रिट कंपनी बनायी. साथ ही बिहार के शराब तस्करों से जुड़ कर स्प्रिट की आपूर्ति करने लगा.जिससे हुई करोड़ों की कमाई से जमीन की खरीदारी की है और लग्जरी गाड़ी से चलता है.इसके साथ ही तस्करी के लिये युवाओं का नेटवर्क तैयार किया है.जिसे एक खेप पहुंचाने पर दो से चार हजार रुपये देता है. यूपी की पुलिस ने भी समय रहते नहीं की कार्रवाई बिहार के कई जिलों में स्प्रिट की आपूर्ति करने वाले महेश गुप्ता के इस खेल को लेकर देवरिया पुलिस व संबंधित विभाग भी खामोश रहा.लिहाजा लगातार यह धंधा बढ़ता गया व इसका नतीजा गरीबों के जहरीली शराब पीने से मौत के रूप में सामने आया है. नेटवर्क खंगालने के लिये यूपी पुलिस से मांगी मदद महेश के धंधे में शामिल अन्य लोगों के कुंडली तैयार करने के लिये यूपी पुलिस से मदद मांगी गयी है.महेश के काल डिटेल को भी पुलिस खंगाल रही है.इससे और अधिक सफलता मिलने की पुलिस को उम्मीद है.

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