पटना. दरभंगा जंक्शन पर हुए पार्सल ब्लास्ट की जांच एनआइए ने शुरू कर दी है़ एनआइए ने ब्लास्ट मामले की प्राथमिकी दर्ज कर ली है़ शुक्रवार को एनआइए की छह सदस्यीय टीम दरभंगा आयेगी और जांच करेगी़ साथ ही बिहार एटीएस की अब तक की कार्रवाई की समीक्षा भी करेगी. अब तक हुई जांच की रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी जायेगी.
एसटीएस के अधिकारियों ने बताया कि बिहार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना समेत कई राज्यों से तार जुड़ने के कारण जांच की कमान एनआइए को सौंपी गयी है़ सूत्रों के अनुसार, बिहार, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना राज्य की एटीएस के साथ एनआइए जांच कर रही है.
अब तक हुई जांच में एटीएस को दरभंगा पार्सल विस्फोट आतंकी साजिश की तरफ मुड़ रहा है. जांच टीम को शक है कि दरभंगा में किसी बड़ी साजिश की तैयारी की जा रही थी. फिलहाल दरभंगा विस्फोट की जांच के लिए रेल पुलिस की टीम करीब एक सप्ताह से सिकंदराबाद में है.
दरभंगा में जिस पार्सल में विस्फोट हुआ, वह सिकंदराबाद से ही ट्रेन से भेजा गया था. सूत्रों की मानें तो पार्सल बुकिंग में दी गयी जानकारियां फर्जी है. पार्सल बुक करने वाले सुफियान की तलाश नहीं हो पायी. इस नाम के संदिग्ध आतंकी की तलाश एटीएस चार साल से कर रही है. उसके पाकिस्तान में आतंकी ट्रेनिंग लेने की भी बात कही जा रही है.
सिकंदराबाद से आये पार्सल में पिछले 17 जून को दरभंगा जंक्शन पर हुए विस्फोट मामले में उच्च तीव्रता वाले केमिकल बम का इस्तेमाल किया गया था. इसका खुलासा एफएसएल की जांच रिपोर्ट में हुआ है. सूत्रों के अनुसार, आतंकी कनेक्शन के प्रमाण मिलने के साथ ही एनआइए व एटीएस चौकस हो गयी है.
सैंपल को जांच के लिए एफएसएल के लैब में भेजा गया था. जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि पार्सल में उच्च तीव्रतावाले केमिकल बम का इस्तेमाल किया गया था. कपड़ों के बीच गट्ठर में बंधे होने, बोतल के पूरी तरह से टेप से सील रहने तथा खुले प्लेटफॉर्म पर विस्फोट होने की वजह से बड़ा हादसा नहीं हो सका. हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा रही है.
Posted by Ashish Jha