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नीतीश कैबिनेट का फैसला: बिहार में बने छह और नगर पंचायत, 599 इंटर कॉलेजों को मिला अनुदान

राज्य में अब नये नगर निकायों की संख्या बढ़कर 117 हो गयी है. बीते शनिवार को कैबिनेट की बैठक में 103 नये नगर पंचायत और आठ नये नगर पर्षद के गठन की स्वीकृति दी गयी थी.

By Prabhat Khabar News Desk | December 30, 2020 6:18 AM

पटना . राज्य में छह और नयी नगर पंचायतों का गठन किया गया है. मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में मधुबनी जिले के बेनीपट्टी, गोपालगंज जिले के हथुआ, नालंदा जिले के पावापुरी (गिरियक) और नालंदा (सिलाव), समस्तीपुर जिले के सिंघिया और बांका जिले के बौंसी को नगर पंचायत बनाने की मंजूरी दी गयी.

इसके बाद राज्य में अब नये नगर निकायों की संख्या बढ़कर 117 हो गयी है. बीते शनिवार को कैबिनेट की बैठक में 103 नये नगर पंचायत और आठ नये नगर पर्षद के गठन की स्वीकृति दी गयी थी.

इसके अलावा 32 नगर पंचायतों को उत्क्रमित कर नगर पर्षद बनाया गया था. 12 नगर पर्षदों का सीमा विस्तार किया गया था और पांच नये नगर निगम बनाये गये थे.

इसके साथ आठ पंचायतों को सीधे नगर पर्षद बनाया गया था. नयी नगर पंचायतों पर 30 दिनों के अंदर दावा-आपत्ति डीएम व प्रमंडलीय आयुक्त को देनी है.

ये बनीं छह नयी नगर पंचायतें

  • 1. मधुबनी जिले में बेनीपट्टी : इसमें बेनीपट्टी, बेहटा, जगत, एराजी जगत, बनकट्ठा, उड़ेन, उच्चैठ, एराजी उच्चैठ व कछड़ा गांव को शामिल गया है.

  • 2. गोपालगंज जिले में हथुआ : इसमें हथुआ, पीपरपाती, मनीछापर, मछागर जगदीश, गोपालपुर, रतनचक, रुपनचक, मठिया, मुड़ेडा व बरवाकपुरपुरा गांव को शामिल किया गया है.

  • 3. नालंदा जिले में पावापुरी (गिरियक) : इसमें पोखरपुर, पुरी व दशरथपुर गांव को जोड़ गया है.

  • 4. नालंदा जिले में नालंदा (सिलाव) : इसमें बड़गांव, सुरजपुर, मोहनपुर, कुल और बेगमपुर गांव को जोड़ गया है.

  • 5. समस्तीपुर जिले में सिंघिया : सिर्फ सिंघिया गांव को जोड़ा गया है.

  • 6. बांका जिले में बौंसी : इसमें बौंसी, सिराय, डिगरी, कसबा मंदार, बगडुंबा, ब्रह्मपुर, पहाड़ी, विशनपुर, महुलीकित्ता, नाथथान, मैनमा व दलिया गांव को जोड़ा गया है.

अनुदानित स्कूल और कॉलेजों को मिला पैसा

राज्य के 599 इंटर कॉलेजों को सरकारी अनुदान मिलने का रास्ता साफ हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य कैबिनेट की हुई बैठक में 12 एजेंडों पर सहमति बनी.

कैबिनेट ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से संबद्धता प्राप्त राज्य के अनुदानित 599 इंटर स्तरीय प्लस टू कालेज और 16 हाइस्कूलों को अगले एक वर्ष के लिए विस्तारित करने पर सहमति दी गयी.

साथ ही इन काॅलेजों को मापदंड पूरा करने पर शैक्षणिक सत्र 2014-16 से अनुदान की राशि वितरण करने की स्वीकृति दी गयी. अनुदानित इंटर काॅलेजों एवं माध्यमिक विद्यालयों को संबद्धता के लिए निर्धारित अंतिम तिथि को विस्तारित करने पर इन संस्थानों में विद्यार्थियों के नामांकन की अनुमति मिलेगी.

बालूघाटों की बंदोबस्ती की अवधि अब 31 मार्च तक

बालूघाटों की बंदोबस्ती की अवधि 31 मार्च, 2021 तक बढ़ा दी गयी है. बालूघाटों के पुराने बंदोबस्तधारी अब पुरानी बंदोबस्ती राशि में फिर से 50%वृद्धि कर बालू खनन कर सेकेंगे. पूर्व में बंदोबस्त हुए बालूघाटों की बंदोबस्ती अवधि 31 दिसंबर, 2020 को समाप्त हो रही है.

एनजीटी द्वारा पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त करने की कार्रवाई पर रोक लगाने के कारण पहली जनवरी] 2021 से बालू का खनन राज्य में बंद हो जायेगा. वैध खनन बंद होने के कारण अवैध खनन को बढ़ावा मिलेगा. इसका विकास कार्यों पर उल्टा प्रभाव पड़ेगा.

बालू खनन बंद होने से बालू के बाजार मूल्य में भी वृद्धि होने की संभावना है. ऐसे में पुराने बालू बंदोबस्तधारी, जिनकी बालू खनन करने की पर्यावरणीय स्वीकृति की अवधि अभी बाकी है, उनको 31 मार्च 2021 तक अवधि विस्तार करने की स्वीकृति दी गयी.

स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन आफ इंडिया बनायेगा इ-स्टांप

कैबिनेट ने बिहार इ-स्टांप शुल्क (एजेंसी द्वारा क्रियान्वनयन) नियमावली 2020 के गठन की स्वीकृति दी गयी. मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को इ-स्टांपिंग प्रणाली के अधीन स्टांप मुद्रित करने और बेचने के लिए प्राधिकृत किया गया है.

पूर्व में कैबिनेट से स्टांप शुल्क, निबंधन शुल्क व अन्य शुल्कों की प्राप्त राशि पर 0.5 प्रतिशत न्यूनतम 10 रुपये की दर से स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को कमीशन दिये जाने की अनुमति प्राप्त की गयी थी. स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वार इ-स्टांप की वापसी एवं प्रणाली के नियंत्रण एवं संचालन के लिए नियमावली नहीं है.

अब नयी नियमावली के आने के लागू होने के बाद आम नागरिकों को इ-स्टांप की उपलब्धता और नियमानुसार वापसी तथा प्रणाली के नियंत्रण एवं संचालन में सुविधा होगी.

कैबिनेट ने छठा राज्य वित्त आयोग द्वारा अंतिम रूप से प्रतिवेदन समर्पित करने की अवधि को बढ़ाकर 31 मार्च, 2021 कर दिया है. पहले यह अवधि 31 जनवरी, 2020 थी. बिहार विधानसभा के पहले सत्र एवं बिहार विधान परिषद के 196वें सत्र के सत्रावसान संलेख पर स्वीकृति दी गयी.

अन्य फैसले

  • 1. बिहार पथ निर्माण विभाग अमीन संवर्ग (क्षेत्रीय स्थापना)(भर्ती एवं सेवाशर्त) (संशोधन) नियमावली 2020 की स्वीकृति

  • 2.पूर्णिया जिले के धमदाहा पीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ सुनील कुमार झा बर्खास्त

  • 3. बिहार हाइकोर्ट सेवा (संशोधन) नियमावली 2020 एवं बिहार असैनिक सेवा (न्याय शाखा) (भर्ती)(संशोधन) नियमावली 2020 के गठन की स्वीकृति

  • 4.बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद नियमावली 2020 के प्रारूप को स्वीकृति

  • 5. भारतीय प्रशासनिक सेवा के संविदा नियोजित मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह प्रबंध निदेशक, बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम लिमिटेड,पटना के संविदा पर नियोजन का 31 दिसंबर से अगले एक वर्ष या नियमित पदस्थापन होने तक विस्तार

Posted by Ashish Jha

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