पटना. इस वर्ष के अंत तक बिहार में नदियों को साफ रखने को लेकर बड़ी उपलब्धि हासिल होने वाली है. राज्य के विभिन्न शहरों ने निकलने वाला सीवरेज व गंदे नालों का पानी अब गंगा, पुनपुन आदि नदियों में नहीं जायेगा. दरअसल, इस वर्ष के अंत तक राज्य में नमामि गंगे परियोजना के तहत छह शहरों के छह सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के प्रोजेक्ट पूरे होने वाले हैं.
इसमें पटना, सुल्तानगंज, बाढ़, नौगछिया, सोनपुर, मोकामा को मिला कर लगभग 755.1 करोड़ के एसटीपी प्रोजेक्ट पूरे हो रहे हैं. इसके अलावा अन्य तीन प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं. इन सभी नौ एसटीपी से प्रतिदिन 238 मिलियन लीटर (एमएलडी) पानी साफ होगा. पानी साफ होने के बाद इसे नदियों में नहीं छोड़ा जायेगा. एसटीपी से निकलने वाले साफ पानी को खेतों में सिंचाई के लिए उपयोग किया जायेगा.
वर्तमान में जिन नौ एसटीपी के पूरा होने की बात कही जा रही है. उसमें बेऊर, करमलीचक और सैदपुर एसटीपी का काम पूरा हो चुका है. पीएम स्तर से उन एसटीपी का उद्घाटन भी हो चुका है. मगर, इन एसटीपी से जुड़े पाइप लाइन नेटवर्क के काम अब जा कर पूरा होने की स्थिति में आये हैं.
जिन्हें इस वर्ष के अंत तक पूरा कर लिया जायेगा. वहीं, अन्य छह एसटीपी प्रोजेक्ट भी सीवरेज पाइप लाइन के साथ तैयार होंगे. ऐसे में एसटीपी का वास्तविक लाभ लोगों को मिल पायेगा और नदियों को शहर से निकलने वाले गंदे व प्रदूषित पानी से लोगों को निजात मिलेगी.
उपरोक्त छह प्रोजेक्टों के अलावा बख्तियारपुर में 36 करोड़, मनेर में 40.83 करोड़, छपरा में 248 करोड़, फतुहा, दानापुर व फुलवारी को मिला कर 176 करोड़ की लागत से 38 एमएमडी क्षमता वाले तीन एसटीपी भी अगले वर्ष तक बन कर तैयार हो जायेंगे.
इसके अलावा पटना के दीघा में 100 एमएलडी व कंकड़बाग में 50 एमएलडी की क्षमता और दोनों की लागत 1187 करोड़ है. इनका भी निर्माण किया जा रहा है. वहीं हाजीपुर, कहलगांव, खगड़िया, मुंगेर, बक्सर व बड़हरिया में भी एसटीपी की योजना है.
Posted by Ashish Jha