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राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2023 के लिए बिहार के छह शिक्षक नामित, इनोवेटिव आइडिया से ज्यूरी को किया प्रभावित

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2023 के लिए बिहार के छह नामित शिक्षकों ने चार सदस्यीय नेशनल ज्यूरी के सवालों के उत्तर दिये. ज्यूरी सदस्यों ने नामित शिक्षकों को अपने सारगर्भित सवालों की कसौटी पर कसा.

By Prabhat Khabar News Desk | August 10, 2023 4:30 AM

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2023 के लिए बिहार की तरफ से छह शिक्षक नामित/चयनित किये गये हैं. नामित इन शिक्षकों में कैमूर जिला के रामगढ़ स्थित आदर्श बालिका प्लस टू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रधान शिक्षक अनिल कुमार सिंह , कटिहार जिले के मधेपुरा स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय के शिक्षक अर्जुन कुमार साहा , सीतामढ़ी जिले के बनगंवा बाजार स्थित मध्य विद्यालय मधुबन के प्रधान शिक्षक द्विजेंद्र कुमार , किशनगंज जिला स्थित सिंघिया प्लस टू उच्च विद्यालय की शिक्षक कुमारी गुड्डी , मधुबनी जिले के कलुआही स्थित प्लस टू उच्च विद्यालय मलमल की शिक्षक संगीता कुमारी और वैशाली जिले में हाजीपुर स्थित मध्य विद्यालय हरिहरपुर के प्रधानाध्यापक उमेश कुमार यादव शामिल हैं.

देश से 152 शिक्षकों को किया गया नामित

जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए पूरे देश से 152 शिक्षकों को विभिन्न राज्यों से नामित किया गया है. इनमें से से राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए संभवत: 42 शिक्षकों का चयन किया जाना है. मालुम हो कि इस पुरस्कार के लिए बिहार का कोटा छह का है. हालांकि यह संख्या से कम भी शिक्षकों के चयन हो सकते हैं. राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए अंतिम रूप से चयनित शिक्षकों को पुरस्कार लेने के लिए शिक्षक दिवस पर दिल्ली जाना होगा.

नामित शिक्षकों ने चार सदस्यीय नेशनल ज्यूरी के सवालों के उत्तर दिये

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2023 के लिए बिहार के छह नामित शिक्षकों ने चार सदस्यीय नेशनल ज्यूरी के सवालों के उत्तर दिये. ज्यूरी सदस्यों ने नामित शिक्षकों को अपने सारगर्भित सवालों की कसौटी पर कसा. बिहार के शिक्षकों ने शिक्षा की बेहतरी के लिए अपने इनोवेटिव आइडिया से ज्यूरी को प्रभावित भी किया. शिक्षकों ने अपने-अपने प्रेजेंटेशन भी दिये. ज्यूरी और पुरस्कार के लिए नामित शिक्षकों के बीच सकारात्मक चर्चा का दौर करीब 90 मिनट चला. इसके बाद शिक्षकों की प्राथमिक निदेशक के साथ चर्चा हुई.

ज्यूरी और नामित शिक्षकों के बीच सवाल-जवाब कुछ इस प्रकार रहे

  • अर्जुन कुमार साहा (उत्क्रमित मध्य विद्यालय कटिहार)

सवाल- टीचर लर्निंग मेटेरियल खुद तैयार किया है?

उत्तर- रुचिकर और ज्ञान वर्धक कंटेंट तैयार किये हैं.

सवाल- ऑफ स्कूल बच्चों को कैसे स्कूल लाये?

उत्तर – बेहतर पढ़ाई के जरिये. मैंने एक हजार से अधिक आउट ऑफ स्कूल को फिर स्कूल लाने में सफलता हासिल की है.

सवाल- आपने विद्यालय में निजी तौर पर क्या पहल की?

उत्तर- मैंने अपने वेतन से अपने भूमिहीन स्कूल के लिए जमीन खरीद कर भेंट की.

  • उमेश कुमार यादव (सरकारी मध्य विद्यालय हरिहरपुर )

सवाल – उपस्थिति बढ़ाने को लेकर क्या किया?

उत्तर- मेरे विद्यालय के पास तीन निजी विद्यालय थे. वे अब बंद हो गये हैं. उनके बच्चे अब सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे हैं. यह अच्छी पढ़ाई कराने का नतीजा है.

सवाल- स्कूल में आधारभूत संरचना कमजोर होने के बाद भी ये कैसे हुआ?

उत्तर- बच्चों को अच्छे ढंग से पढ़ाने पर फोकस किया. आधारभूत संरचना इसके बाद की बात है.

इसके अलावा ड्रेस कोड आदि पर सवाल-जवाब हुए

  • संगीता कुमारी (प्लस टू उच्च विद्यालय मलमल मधुबनी)

सवाल : मिथिला पेंटिंग को नयी शिक्षा नीति से कैसे जोड़ेंगी?

उत्तर- बच्चों को मिथिला पेंटिंग के बारे में जिज्ञासा उत्पन्न करके और पेंटिंग के कमर्शियल महत्व को बता कर रुचि जगायी जा सकती है. इसके जरिये नयी शिक्षा नीति से जोड़ा जा सकता है.

सवाल- ड्रॉप आउट कैसे रोका?

उत्तर- बच्चों की पढ़ाई का महत्व बता कर स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित किया. अभिभावकों को प्रोत्साहित किया.

  • द्विजेंद्र कुमार (मध्य विद्यालय मधुबन)

सवाल- रविंद्रनाथ टेगोर पेड़ के नीचे बैठ कर पढ़ाते थे, आप संसाधन पर फोकस कर रहे हैं?

उत्तर- बदलते दौर में संसाधन की प्रतिस्पर्धा है. इसकी वजह से सरकारी स्कूल में भी संसाधन होने चाहिए. निजी स्कूल में संसाधन की वजह से लोग पहुंचते हैं.

सवाल- मूल्यांकन एक सतत विषय है, फिर आप डॉ राजेंद्र प्रसाद मेधा छात्रवृत्ति क्यों?

उत्तर- चूंकि हम मूल्यांकन के आधार पर चुने बच्चों को प्रमाण पत्र और कुछ राशि देते हैं. ताकि बच्चों को प्रोत्साहन मिले. डॉ राजेंद्र प्रसाद कुशाग्रता के लिए जाने जाते हैं, इसलिए उनके नाम पर छात्रवृत्ति योजना का नाम रखा गया है.

  • कुमारी गुड्डी (प्लस टू हाइ स्कूल किशनगंज)

प्रश्न: लर्निंग आउट कम के लिए लेसन प्लान कैसे बनाते हैं?

उत्तर- इसके लिए सभी तरह के बच्चों में सीखने की प्रवृत्ति का ध्यान रखा जाता है.

प्रश्न- पढ़ाई में तेज बच्चे के साथ कमजोर बच्चे को कैसे एडजस्ट करते हैं?

उत्तर- कमजोर बच्चे पर लगातार अतिरिक्त ध्यान दिया जाता है.?

  • अनिल कुमार सिंह (आदर्श बालिका प्लस टू विद्यालय कैमूर)

सवाल: स्कूल के लिए सरकारी के अलावा फंडिंग कैसे करते हैं?

उत्तर- संपन्न अभिभावक और जनप्रतिनिधि के सहयोग से स्कूल के लिए आर्थिक मदद हासिल होती है. इसके लिए ””गार्जियन गवर्मेंट”” नाम की संस्था तैयार की है.

सवाल: बालिकाओं में उद्यमिता विकास के लिए क्या प्रयास किये हैं?

उत्तर- बालिकाओं को स्कूल में उपलब्ध संसाधनों पर कम्प्यूटर शिक्षा देते हैं. साथ ही नजदीकी कंप्यूटर इंस्टीट्यूट से भी कप्यूटर कोर्स कराते हैं.

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