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Bihar News: छठे वर्ग के छात्र को दी तीन सौ बार उठक-बैठक की सजा, चार दिन से बेहोशी की हालत में भर्ती

Bihar News: शिक्षिका की डर से छात्र दो सौ बार उठक-बैठक करते-करते बेहोश होकर गिर गया. बच्चे के बेहोश होते ही स्कूल में अफरा-तफरी मच गयी. स्थिति को भांपते हुए विद्यालय के ही शिक्षक सुबोध पांडे ने छात्र को अपने कंधे पर उठाकर घर पर ले जाकर छोड़ दिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 7, 2022 8:20 PM

पटना के बरबीघा प्रखंड क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय, मलीलचक में छठे वर्ग के छात्र को एक दिन अनुपस्थित होने पर शिक्षिका ने तीन सौ बार उठक-बैठक करने की सजा दे दी. शिक्षिका के डर से बच्चा उठक-बैठक करते-करते बेहोश हो गया. घटना बुधवार की बतायी जा रही है. उसी दिन से बच्चा बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती है. इस घटना को लेकर रविवार को शिक्षिका के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के लिए बरबीघा थाने में आवेदन दिया गया है. बच्चे के पिता संजीत राम ने बताया कि बुधवार को घरेलू कारणों से उसका पुत्र रोशन कुमार विद्यालय नहीं गया था. गुरुवार को जब वह पुनः विद्यालय पहुंचा, तो अनुपस्थिति को लेकर शिक्षिका सीता देवी ने सजा के तौर पर उसे तीन सौ बार उठक-बैठक करने का फरमान सुना दिया.

शिक्षिका ने किया प्रताड़ित, चार दिनों से नहीं आ रहा होश

शिक्षिका की डर से छात्र दो सौ बार उठक-बैठक करते-करते बेहोश होकर गिर गया. बच्चे के बेहोश होते ही स्कूल में अफरा-तफरी मच गयी. स्थिति को भांपते हुए विद्यालय के ही शिक्षक सुबोध पांडे ने छात्र को अपने कंधे पर उठाकर घर पर ले जाकर छोड़ दिया. उस समय बच्चे के माता-पिता खेत में काम करने गये थे. सूचना मिलते ही वे तुरंत घर पहुंचे. जब छात्र के परिजन विद्यालय पहुंचकर हंगामा करने लगे, तो शिक्षिका सीता देवी ने इलाज करवाने की बात कह उसे एक स्थानीय ग्रामीण चिकित्सक के यहां भर्ती करा दिया. जब छात्र की स्थिति बिगड़ गयी, तो उसे बरबीघा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है.

बरबीघा प्रखंड क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय, मलीलचक का मामला

पीड़ित पिता ने बताया कि बच्चे को होश तो आता है, लेकिन पांच-दस मिनट के बाद फिर से बेहोश हो जाता है. उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षिका ने परिजनों को हो-हल्ला करने पर छात्र का नाम स्कूल से काट देने की धमकी दी है. इस संबंध में बरबीघा थाना अध्यक्ष सुनील दत्त ने बताया कि रविवार होने के कारण वह विद्यालय में जाकर जांच-पड़ताल नहीं कर पाये हैं. सोमवार को विद्यालय खुलते ही मामले की जांच की जायेगी. मामला सत्य पाये जाने पर दोषी शिक्षिका के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी.

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क्या कहते हैं अधिकारी

इस मामले को गंभीरता लेते हुए डीइओ ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि इस तरह की घटना काफी निंदनीय है. इसकी जांच सोमवार को निश्चित तौर पर करायी जायेगी. मामला सही होने पर दोषी शिक्षिका के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. स्कूल में बच्चों को किसी भी प्रकार से शारीरिक दंड देना निषेध है.

क्या कहते हैं चिकित्सक

इलाज कर रहे निजी अस्पताल के चिकित्सक डॉ आनंद कुमार ने बताया कि बच्चे के शरीर में खिंचाव पैदा होने से वह काफी कमजोर हो गया है. बच्चा भयभीत है. अत्यधिक कमजोरी और मानसिक प्रताड़ना के कारण वह अक्सर बेहोश हो रहा है. बच्चे को सही ढंग से स्वस्थ होने में एक सप्ताह का समय लग सकता है. अगर बच्चे का सही समय पर इलाज शुरू नहीं होता, तो इसकी जान भी जा सकती थी.

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