छपरा में देश के सबसे बड़े डबल डेकर पुल का स्लैब गिरा, मची अफरा-तफरी, बाल-बाल बचे लोगों ने किया हंगामा
छपरा में बन रहे डबल डेकर पुल के बीम की सेटिंग अचानक बुधवार को गिर गई. इस हादसे में लोग बाल-बाल बच गये. यह हादसा छपरा के पुलिस लाइन अग्रवाल पेट्रोल पंप के पास पाया नंबर 40 और 41 के बीच हुआ.
बिहार के छपरा में करोड़ों की लागत से बन रहे देश के सबसे लंबे डबल डेकर पुल के निर्माण में बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां निर्माण के दौरान बीम की ढलाई के कुछ ही देर बाद उसके नीचे लगा लकड़ी का बैरियर टूट गया और भारी मात्रा में सीमेंट, गिट्टी और बालू समेत स्लैब की सामग्री सड़क पर गिर गयी. यह घटना बुधवार सुबह करीब 8.30 बजे की है. संयोगवश, उस घटना के दौरान कोई राहगीर या आसपास का व्यक्ति चपेट में नहीं आया. हालांकि घटना के बाद बीम ढलाई के दौरान सेंट्रिंग टूटने और सामग्री गिरने से आक्रोशित आसपास के लोगों ने निर्माण कंपनी की कार्यशैली पर विरोध जताया.
लोगों ने किया हंगामा
आसपास के लोगों का कहना था कि निर्माण कंपनी के द्वारा निर्माण के दौरान सुरक्षा के मानकों को नजर अंदाज किए जाने के कारण कभी भी घटना हो सकती है. लोगों का यह भी कहना था कि बिहार राज्य पुल निर्माण निगम तथा संबंधित कंपनी के द्वारा किसी भी प्रकार की घटना को रोकने की दिशा में आवश्यक कदम नहीं उठाया जा रहा है. लोगों का यह आरोप है कि डबल डेकर पूर्ण निर्माण के कर्मियों के द्वारा सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया जाता है. जिस कारण इस तरह घटनाएं होती रहती हैं.
मंगलवार देर रात की गई थी ढलाई
वहीं घटना के संबंध में पूछे जाने पर बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के कार्यपालक अभियंता सुशील कुमार ने कहा कि पुलिस लाइन के निकट डबल डेकर के बीम की ढ़लाई मंगलवार को देर रात में की गयी थी. वहीं बीम की ढ़लाई के दौरान नीचे से सहयोग के लिए पटरा लगाया गया था. परंतु पटरा टूट जाने के कारण बड़े पैमाने पर मैटेरियल ढ़ाले गये बीम में से नीचे गिर गया.
फिर से होगी ढलाई
हालांकि इसकी सूचना मिलने के बाद तुरंत मैटेरियल को हटाया गया है तथा पुन: ढ़ाले जाने वाले बीम में जितना भी मैटेरियल है, उस सब को हटा कर फिर से सेंटिरिंग कर ढ़लाई का कार्य किया जायेगा. बिम्म को ढ़ालने के दौरान जो भी छड़ आदि लगाये गये हैं, वे उसी प्रकार रहेंगे. वहीं इस घटना के बाद उस मार्ग में तत्काल यातायात को अवरूद्ध कर दिया गया है.
दो दिसंबर को भी गिरा था पुल का भारी भरकम लोहे का एंगल
बता दें कि इससे पहले भी दो दिसंबर को शहर के व्यस्ततम जगह गांधी चौक के पास भी निर्माणाधीन पुल का लोहे का दो-दो बड़ा एंगल छपरा से होकर मुजफ्फरपुर जाने वाली एक कंटेनर पर गिर गया था. इस दौरान भी कोई हताहत नहीं हुआ था लेकिन, बाल-बाल बचे राहगीर वही स्थानीय लोगों का कहना था कि डबल डेकर का कार्य काफी लापरवाही से किया जाता है और आमजन के सुरक्षा एवं सुविधाओं का तनिक भी ख्याल नहीं रखा जाता है. स्थानीय लोगो ने यहां तक कहा कि वेल्डिंग करते समय भी काफी लापरवाही देखी जाती है कि वेलडिंग करते समय जो चिंगारी निकलती है जो आने जाने वाले राहगीरों के शरीर पर गिरता है. कई बार लोग जख्मी भी हो गये है.
2017 में शुरू हुआ पुल निर्माण
वर्ष 2017 में छपरा शहर में देश के सबसे बड़े डबल डेकर पुल का निर्माण कार्य शुरू कराया गया था. वर्ष 2022 तक ही निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन, अभी 40 फीसदी काम भी पूरा नहीं हो सका है. शहर के मध्य भाग में जमीन अधिग्रहण व मुआवजे की प्रक्रिया में देरी होने के कारण कार्य बाधित रहा. हालांकि पूर्वी व पश्चिमी क्षेत्र में पहले डेक के निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया है. अभी भी मध्य भाग में निर्माण कार्य को लेकर चुनौती बरकरार है.
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