पटना. राज्य में शादी के लिए अपहरण के मामलों में वृद्धि हुई है. पुलिस रिकॉर्ड में इन मामलों को शादी के लिए किडनैपिंग के आधार पर दर्ज किया जा रहा है. लड़कियों के परिजन शादी के लिए अपहरण का केस दर्ज करवाते हैं. आंकड़ों का दूसरा एक मजबूत पक्ष भी है, जो भले ही आंकड़ों में नहीं समक्ष आता हो.
अधिकतर मामलों में प्रेमी युगल बालिग होते हैं और अपनी मर्जी से शादी के लिए घर से भागते हैं, परिवार इस निर्णय के खिलाफ रहता है, खासकर लड़की का परिवार. वह शादी के लिए किडनैपिंग का केस दर्ज कराता है. एससीआरबी के आंकड़ों की मानें तो 2020 में इस तरह की कुल 5308 घटनाएं दर्ज की गयी थीं, इस वर्ष जून तक में 3864 मामले दर्ज किये जा चुके हैं.
बिहार के पूर्व डीजीपी अभ्यानंद बताते हैं कि ऐसे केस में अधिकतर मामलों में लड़के- लड़कियां बालिग होते हैं. वे अपनी मर्जी से घर छोड़ते हैं, लेकिन लड़की के परिवार वालों को बेचैनी होती है कि कहीं उसके साथ कोई अनहोनी नहीं हो. इसके लिए थानों में केस दर्ज कराया जाता है. फिर परिजन थानेदार पर लड़की को खोजने का दबाव बनाते हैं.
जब लड़की मिल जाती है तो उसे एक बार अकेले में बात करने का अनुरोध किया जाता है. परिजन लड़की को समझाने की कोशिश करते हैं, ताकि वो मजिस्ट्रेट के सामने कह दे की उसे शादी के लिए भगाया गया. फिर भी अगर बात नहीं बनती तो भी यह बात कानून की नजर में आ जाती है कि लड़की ने अपनी मर्जी से फलां लड़के से शादी कर लिया और आगे कोई अनहोनी की आशंका कम हो जाती है.
जिला वार आंकड़ों को देखा जाये तो पटना जिले में इस तरह के मामले सबसे अधिक दर्ज किये जाते हैं. इस वर्ष जून तक पटना जिले में 358 मामले दर्ज किये जा चुके हैं, जबकि वर्ष 2020 में पटना जिले में 672 मामले दर्ज किये गये थे. इसके अलावा बीते वर्ष 2020 में मुजफ्फरपुर में 672 मामले दर्ज किये गये थे, जो इस वर्ष जून तक 291 मामले दर्ज किये जा चुके हैं.
वहीं रेंज वार देखा जाये तो तिरहुत रेंज में इस वर्ष जून तक 641 मामले दर्ज किये जा चुके हैं, जबकि पटना रेंज में 519, शाहाबाद रेंज में 267, मगध रेंज में 302, सारण रेंज में 423, चंपारण रेंज में 261, मिथिला क्षेत्र में 362, कोसी रेंज में 191, पूर्णिया रेंज में 189 व बेगूसराय क्षेत्र में 122 मामले इस वर्ष जून तक दर्ज किये जा चुके हैं.
Posted by Ashish Jha