Smart Class: पहली कक्षा के बच्चों के किताबों का बोझ होगा हल्का, खेल खेल में ही पढ़ाने की होगी पहल
कटिहार में पहली कक्षा के बच्चों के किताबों का बोझ हल्का होगा. पूरे जिले में विद्यालय प्रधान एवं पहली कक्षा के लिए चयनित शिक्षक का प्रशिक्षण मंगलवार को शुरू हुआ. इस उन्मुखीकरण कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए 82 प्रशिक्षण स्थलों का चयन किया गया है.
कटिहार. बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान कार्यक्रम अंतर्गत स्कूल रेडिनस मॉड्यूल ”चहक” के क्रियान्वयन के लिए संकुल स्तरीय पांच दिवसीय गैर आवासीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का प्रारंभ मंगलवार को किया गया. पूरे जिले में विद्यालय प्रधान एवं पहली कक्षा के लिए चयनित शिक्षक का प्रशिक्षण मंगलवार को शुरू हुआ. इस उन्मुखीकरण कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए 82 प्रशिक्षण स्थलों का चयन किया गया है. जिस पर जिला के कुल 1834 प्रारंभिक विद्यालयों के 3668 भाग ले रहे है.
‘अनुश्रवण टीम की गठन किया गया है’
जिला शिक्षा पदाधिकारी कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि इस संकुल स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम के अनुश्रवण के लिए जिला स्तरीय अनुश्रवण टीम की गठन किया गया है, जो इस कार्यक्रम का गहन एवं सतत अनुश्रवण करेंगे. संकुल स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए सभी प्रशिक्षण स्थल पर प्रखंड के दो संकुलों को मिलाकर एक केंद्र बनाया गया है. इस प्रशिक्षण के लिए प्रत्येक पंचायत में अवस्थित उत्कमित उच्च विद्यालय प्रशिक्षण केन्द के रूप में चिन्हित किया गया है. ताकि वहां के स्मार्ट कक्षा के हार्डवेयर यथा टेलीविजन और नियमित विद्युत आपूर्ति के लिए इन्वर्टर का उपयोग प्रशिक्षण के दौरान किया जा सके. हर प्रशिक्षण केंद्र के लिए दो प्रशिक्षकों एवं एक मेंटर को जिम्मेवारी सौंपी गयी है.
‘अनुभवी शिक्षक को नोडल के रुप में नामित किया गया है’
शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि सभी प्रखंड के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के अतिरिक्त एक अनुभवी शिक्षक को नोडल के रुप में नामित किया गया है, जो सभी प्रशिक्षण स्थल की बुनियादी सुविधाओं और प्रशिक्षण व्यवस्था को सुदृढ़ करने में सहयोग प्रदान करेंगे. जिला के सभी सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों के पहली कक्षा में नामांकित बच्चों को किताबों का बोझ न देकर अब खेल के माध्यम से शिक्षा के लिए स्कूलों से जोड़ा जायेगा. ताकि बच्चे खुशनुमा माहौल में विद्यालय आ सके. बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाने के लिए चहक कार्यक्रम का शुभारंभ सभी सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में सितंबर माह से शुरू किया जाना प्रस्तावित है.