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बिहार में बिजली की आधारभूत व्यवस्था होगी मजबूत, स्मार्ट मीटर सहित इन योजनाओं पर खर्च होंगे 24000 करोड़ रुपये

बिजली आपूर्ति कंपनियों ने बिहार में बिजली की आधारभूत व्यवस्था के पुनर्विकास, कृषि विद्युत कनेक्शन और स्मार्ट मीटर लगाये जाने का विस्तृत खाका तैयार किया है. इन योजनाओं पर पर अगले दो वर्षों में करीब 24 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.

बिहार में बिजली की आधारभूत व्यवस्था के पुनर्विकास, कृषि विद्युत कनेक्शन और स्मार्ट मीटर लगाये जाने पर अगले दो वर्षों में करीब 24 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. इसमें साउथ बिहार में 10 हजार करोड़ रुपये, जबकि नॉर्थ बिहार में करीब 14 हजार करोड़ रुपये की पूंजी लगायी जानी है. बिजली आपूर्ति कंपनियों (डिस्कॉम्स) ने इसका विस्तृत खाका तैयार किया है और खर्च की अनुमति मांगी है.

स्टेट प्लान से पुनर्विकास में 7650 करोड़ का हो रहा निवेश

योजना के मुताबिक साउथ और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी स्टेट प्लान रि-कंडक्टरिंग प्रोजेक्ट के तहत बिजली की आधारभूत व्यवस्था को मजबूत करने में 7650 करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है. इससे साउथ बिहार में 33 केवी की 1390 सर्किट किमी, 11 केवी की 16324 सर्किट किमी और 19736 सर्किट किमी लो टेंशन (एलटी) लाइनों को, जबकि नॉर्थ बिहार में 33 केवी की 1715 सर्किट किमी, 11 केवी की 19342 सर्किट किमी और एलटी की 27993 सर्किट किमी लाइनों को मेंटेन किया जाना या बदला जाना है.

कृषि कनेक्शन के विकास पर 1329 करोड़ का खर्च

हर खेत को सिंचाई अभियान के तहत कृषि कनेक्शन दिये जाने को लेकर अलग से आधारभूत व्यवस्था तैयार करने पर करीब 1329 करोड़ रुपये का खर्च हो रहा है. डिस्कॉम्स ने मुख्यमंत्री कृषि विद्युत कनेक्शन योजना के तहत अब तक 2.61 लाख से अधिक कृषि कनेक्शन दे दिये हैं, जबकि इस साल नॉर्थ बिहार में 40 हजार और साउथ बिहार में 30 हजार सहित 70 हजार नये कृषि कनेक्शन दिये जाने हैं. इसको लेकर अलग फीडर, लाइन व डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर की स्थापना पर यह राशि खर्च की जा रही है. आधारभूत व्यवस्था तैयार होने पर कृषि कनेक्शनों की संख्या हर साल बढ़ेगी, जिससे किसानों को निर्बाध बिजली मिलेगी और मौसम अनुकूल नहीं होने पर भी पटवन कर फसल को बेहतर रखा जा सकेगा.

आरडीएसएस व स्मार्ट मीटर स्कीम पर 15 हजार करोड़ का खर्च

केंद्र सरकार ने 2024-25 तक बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में सुधार, औसत बिजली नुकसान को कम कर 15 फीसदी तक लाने और कंपनी घाटे को कम करने के लिए रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) लांच किया है. डिस्कॉम्स ने इस पर करीब 12.7 हजार करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनायी है. इसके तहत बड़ी मात्रा में 11 केवी लाइन और डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मरों को बदला जायेगा. समूचे प्रदेश में स्मार्ट मीटरिंग व्यवस्था लागू की जायेगी. बिलिंग सॉल्युशन को बेहतर किया जायेगा. सिर्फ नॉर्थ बिहार अगले साल में स्मार्ट मीटर पर 2300 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

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साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी

  • स्टेट प्लान रिकंडक्टरिंग प्रोजेक्ट – 2755.02 करोड़

  • मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना – 541.13 करोड़

  • रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) – 7008.12 करोड़

  • नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी

  • स्टेट प्लान रिकंडक्टरिंग प्रोजेक्ट – 4902.47 करोड़

  • मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना – 713.5 करोड़

  • रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) – 5668.56 करोड़

  • स्मार्ट प्रीपेड मीटर – 2302.19 करोड़

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