स्मार्ट मीटर: पांच दिन में ही खत्म हो रहा रिचार्ज, उपभोक्ताओं का आक्रोश देख ऑफिस से भागे कर्मचारी व इंजीनियर
पहले जिस उपभोक्ताओं का बिल 500-1000 रुपये के बीच आता था. अब 500-1000 रुपये का रिचार्ज करने पर दो से पांच दिनों के अंदर ही खत्म हो जा रहा है. कस्टमर केयर से संपर्क करने पर भी उपभोक्ताओं को सही जानकारी नहीं मिल पा रही है.
मुजफ्फरपुर: बिजली कंपनी की तरफ से शहरी क्षेत्र के कमर्शियल व घरेलू उपभोक्ताओं की दुकानों और घरों में जो स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है, उसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी उजागर हो रही है. पहले जिस उपभोक्ताओं का बिल 500-1000 रुपये के बीच आता था. अब 500-1000 रुपये का रिचार्ज करने पर दो से पांच दिनों के अंदर ही खत्म हो जा रहा है. कस्टमर केयर से संपर्क करने पर भी उपभोक्ताओं को सही जानकारी नहीं मिल पा रही है. इन पर सोमवार को शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं का आक्रोश फूट पड़ा. मोतीझील, कल्याणी, सरैयागंज टावर सहित आसपास के उपभोक्ता बड़ी संख्या में तिलक मैदान रोड स्थित बिजली कंपनी के कार्यालय पहुंचे. पहले कल्याणी ऑफिस गये. वहां, कोई इंजीनियर व कर्मचारी नहीं मिला. इसके बाद उपभोक्ताओं का झुंड नारेबाजी करते हुए तिलक मैदान रोड कार्यालय पहुंच गया. यहां भीड़ व आक्रोश को देखते हुए ऑफिस में जो इंजीनियर व कर्मचारी थे, वे चुपके से खिसक गये. गार्ड ने लोगों को रोकने की कोशिश की, लेकिन लोग नहीं माने. बाद में मौके पर नगर पुलिस पहुंची. लेकिन, उपभोक्ताओं के आक्रोश को देखते हुए पुलिस भी चुपचाप खड़ी होकर लोगों के गुस्सा को भांपती रही. इस कारण काफी देर तक ऑफिस के अंदर व बाहर हंगामा होता रहा.
सोशल मीडिया पर भी लोग जता रहे अपनी नाराजगी
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी स्मार्ट मीटर को लेकर लोगों में नाराजगी है. लोग अपनी-अपनी व्यथा सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं. इसके बाद बड़ी संख्या में लोग स्मार्ट मीटर से संबंधित पोस्ट पर इससे होने वाली परेशानी लिख रहे हैं. लोग एक स्वर से बिजली कंपनी द्वारा लगाये जा रहे स्मार्ट मीटर के विरोध में हैं. उनका कहना है कि बहुत से लोगों को पता नहीं चलता है. लाइन कटने पर रिचार्ज करना इस गर्मी में मजबूरी है. इसका नतीजा है कि स्मार्ट मीटर के नाम पर बिजली कंपनी लूट-खसोट कर रही है.
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बोले अधिकारी, टेक्निकल फॉल्ट के कारण कट गया था पैसा, हो गया वापस
कार्यपालक अभियंता विजय कुमार ने बताया कि टेक्निकल प्रॉब्लम के कारण उपभोक्ताओं का एक्स्ट्रा पैसा कट गया था. शिकायत के बाद हेडक्वार्टर को इससे अवगत कराया गया. जिन-जिन उपभोक्ताओं का एक्स्ट्रा पैसा कटा था, वह वापस हो गया है. स्मार्ट मीटर का बिलिंग मुख्यालय से होता है. इसलिए स्थानीय स्तर पर कुछ पता नहीं चलता है.