बिहार: विवाद की स्थिति में थर्ड पार्टी लैब में होगी स्मार्ट मीटर की जांच, टाइप-टेस्ट के बाद होगा निर्माण
आयोग ने डिस्कॉम को निर्देश दिया है कि स्मार्ट मीटरिंग समाधान को लेकर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाते हुए उसे वेबसाइट पर डाले. इसके साथ ही पुराने मीटरों के एडवांस जमा राशि को समायोजित या तीन बिलिंग चक्रों के जरिये उपभोक्ताओं को वापस करे.
पटना. स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर किसी विवाद की स्थिति में उसकी थर्ड पार्टी लैब में जांच करायी जायेगी. इस लैब में प्रीपेड मीटरों के सॉफ्टवेयर के साथ ही हार्डवेयर परीक्षण की भी व्यवस्था होगी. बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने नयी प्रीपेड मीटर व्यवस्था में थर्ड पार्टी लैब को जरूरी बताते हुए कहा है कि इस व्यवस्था को मंजूरी देने से पहले उसका मूल्यांकन किया जा रहा है.
मीटर की सटीकता के सभी विवाद अनुचित नहीं हो सकते
प्रीपेड मीटर की मंजूरी को लेकर हुई सुनवाई में आयोग के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा और सदस्य एससी चौरसिया की बेंच ने माना है कि उपभोक्ताओं की तरफ से स्मार्ट मीटर की सटीकता को लेकर आ रहे सभी विवाद अनुचित नहीं हो सकते. यह स्मार्ट मीटर केंद्र सरकार की एजेंसी इइएसएल के माध्यम से बिहार डिस्कॉम द्वारा लगवाये जा रहे हैं. ऐसे में राज्य में थर्ड पार्टी मीटर टेस्टिंग लैब जरूरी है, ताकि उपभोक्ताओं को मीटर की सटीकता की वास्तविक स्थिति पता लग सके.
टाइप-टेस्ट रिपोर्ट के बाद ही मीटर का निर्माण
वहीं, इससे पहले बिजली कंपनी ने स्पष्ट किया कि स्मार्ट मीटरिंग समाधान में थर्ड पार्टी ऑडिट का प्रावधान है. मीटर का निर्माण ” टाइप टेस्ट रिपोर्ट ” के अनुमोदन के बाद ही किया जाता है. इसके साथ ही डिस्कॉम्स के पास अपने सभी सर्किलों में मीटरों के परीक्षण के लिए पूरी तरह से स्वचालित परीक्षण बेंच है, जो स्थापित मीटरों का नमूना परीक्षण करता है. डिस्कॉम के टेस्टिंग किट की भी हर साल तीसरे पक्ष के एनएबीएल से मान्यता प्राप्त लैब में जांच करायी जाती है.
Also Read: बिहार में 23.5 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की मिली अनुमति, जानिए कितना लगेगा प्रतिमाह किराया
स्मार्ट मीटरिंग समाधान के लिए बनाये एसओपी
आयोग ने डिस्कॉम को निर्देश दिया है कि स्मार्ट मीटरिंग समाधान को लेकर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाते हुए उसे वेबसाइट पर डाले. इसके साथ ही पुराने मीटरों के एडवांस जमा राशि को समायोजित या तीन बिलिंग चक्रों के जरिये उपभोक्ताओं को वापस करे. पोस्टपेड से प्रीपेड में स्थानांतरित होने वाले उपभोक्ताओं के बही-खाता में पारदर्शिता रखते हुए उपभोक्ता को पूरी जानकारी मुहैया करायी जाये. उपभोक्ता द्वारा किसी भी अवधि के लिए खपत की गयी बिजली, जमा धन और बिलिंग से काटी गयी राशि की मांगी गयी जानकारी सात कार्यदिवस के भीतर दी जाये. डिस्कॉम डेटा गोपनीयता सुरक्षा और साइबर धोखाधड़ी की रोकथाम को भी सुनिश्चित करेगा और किसी भी तरह के उल्लंघन की सूचना घटना के सात दिनों के भीतर लिखित रूप में आयोग को देगा.