सारण में फर्जी चालान पर हो रही बालू तस्करी, पुलिस ने किया गिरोह का खुलासा, दो गिरफ्तार
बिहार के कई जिलों में बालू खनन के रोक के बावजूद अवैध खनन जारी है. वहीं बालू की तस्करी के लिए माफियाओं द्वारा कई तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं. ऐसे ही एक गिरोह का सारण में खुलासा हुआ है जो बालू तस्करी के लिए फर्जी चालान बनाते थे.
सारण बालू तस्करी के लिए फर्जी चालान का इस्तेमाल हो रहा है. लेकिन पुलिस ने शनिवार को इस मामले में बड़ा खुलासा करते हुए गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही पुलिस ने 27 फर्जी चालान, कंप्यूटर, प्रिंटर सहित कई अन्य सामान भी बरामद किए हैं. पुलिस द्वारा यह कार्रवाई जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के लाल बाजार एवं महाराजगंज गांव में गुप्त सूचना के आधार पर की.
गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने की छापेमारी
फर्जी चालान बनाने वाले गिरोह के खुलासे के बाद एसपी डॉ गौरव मंगला ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि लाल बाजार एवं महाराजगंज में बीते कुछ महीने से एक गैंग द्वारा बड़े पैमाने पर फर्जी चालान बनाया जा रहा है. वहीं इसके एवज में बालू कारोबारियों तथा ट्रैक्टर चालकों से मोटी रकम भी वसूली जा रही है. जिसके बाद पुलिस ने उक्त दोनों गांवों में सघन छापेमारी की.
अवैध चालान बनाने वाले गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार
छापेमारी के क्रम में अवैध चालान बनाने वाले गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तार लोगों में लाल बाजार के मनीष कुमार तथा महाराजगंज गांव के संदीप कुमार शामिल है. वहीं इस गिरोह के कुछ अन्य सदस्यों के बारे में भी जानकारी मिली है. दोनों से कड़ी पूछताछ की जा रही है. वहीं गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी चल रही है.
27 फर्जी चालान व अन्य सामग्री बरामद
एसपी ने बताया कि इन दोनों गांवों में उक्त युवकों द्वारा एक सेंटर चलाया जा रहा था जहां लैपटॉप, प्रिंटर आदि रखकर फर्जी चालान तैयार करते थे. दोनों के कार्य स्थल पर छापेमारी करते हुए पुलिस ने 27 फर्जी चालान बरामद किये है. वहीं दो लैपटॉप, तीन प्रिंटर, तीन मोबाइल, एक चालान प्रिंटर तथा एक कि पैड भी बरामद किया गया है.
पुलिस को नहीं होता था चालान पर शक
पुलिस ने जब दोनों आरोपियों से पूछताछ की तो चला है कि डोरीगंज के विभिन्न घाटों तथा आरा से आने वाले कई ट्रकों के चालक तथा बालू माफियाओं से ही सांठ-गांठ की. कंप्यूटर द्वारा हु-ब-हू ओरिजनल सा दिखने वाला चालान बना देते थे. वहीं पुलिस को भी इस चालान पर कोई शक नहीं होता था. हालांकि कुछ दिन पहले एक दो चालान फर्जी पाये गये थे. जिसके बाद से ही पुलिस इनपर नजर बनाये हुए थे. कार्रवाई करने वाली टीम में मुफस्सिल थानाध्यक्ष विवेक दीप, विकास कुमार सिंह, सुनील प्रसाद, विजय शंकर उपाध्याय, सुमन कुमारी आदि शामिल थे.
जिले के कई क्षेत्रों में सक्रिय है गिरोह के सदस्य
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जिले में पिछले दो तीन महीने से पुलिस अवैध बालू के कारोबार में शामिल माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है. वहीं सभी चेकपोस्ट पर भी सघन निगरानी रखी जा रही है. कुछ दिन पहले ही मुफस्सिल थाना क्षेत्र के नेवाजी टोला चौक पर बालू के ट्रैक्टर चालक से अवैध उगाही के मामले में चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था. जिसके बाद पुलिस ने कई बिंदुओं पर जांच की.
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इसके साथ ही बालू माफियाओं से सांठ-गांठ एवं पासिंग एजेंट के इशारे पर सरकार के लाखों रुपये चुना लगाने वाले तीन होमगार्ड के साथ-साथ 36 पासरों के विरूद्ध भी डोरीगंज थाने में पुलिस अधीक्षक के आदेश पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. इन पर बालू लदे ट्रकों से पासिंग एजेंट से मिलीभगत कर वसूली कर ट्रकों को पास कराने का आरोप लगा है.
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पुलिस को इस बात का भी पता चला है कि जिले के विभिन्न सीमावर्ती थाना क्षेत्रों तथा प्रमुख प्रवेश मार्गों के पास बालू माफिया सक्रिय है. पुलिस की दबिश से बचने के लिए कई बार फर्जी चालान बनाकर वाहन को पास करा लिया जाता है. गड़खा, दरियापुर, दिघवारा, डोरीगंज, शीतलपुर व रिविलगंज में भी ऐसे धंधेबाजों के सक्रिय होने की सूचना है. जिनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है.
एनजीटी के रोक के बावजूद जिले में बालू का खनन व परिवहन जारी
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एनजीटी के द्वारा एक जुलाई से 30 सितंबर तक बालू के खनन व नदियों में परिवहन पर रोक लगाया गया है. बावजूद बालू माफियाओं के द्वारा प्रशासन के सारे दावों को धता बताते हुए लगातार बालू के अवैध खनन, भंडारण व परिवहन किया जा रहा है. हालांकि इस दौरान जुलाई में खनन विभाग द्वारा 118 स्थानों पर छापेमारी कर 70 प्राथमिकी दर्ज की गयी है. वहीं 45 धंधेबाजों को गिरफ्तार करने के साथ-साथ 150 वाहनों को जब्त भी किया गया है.
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एनजीटी के आदेश व प्रशासन के निर्देश के बावजूद बालू के अवैध खनन, भंडारण एवं परिवहन पर लगाम लगाने से जुड़े जिला से लेकर प्रखंड व थाना स्तर के कुछ पदाधिकारियों की बालू माफियाओं से सांठ-गांठ की वजह से यह धंधा बेरोक-टोक चल रहा है. धंधे में शामिल माफियाओं को कुछ पदाधिकारियों व कर्मियों के द्वारा प्रशासन की बड़ी कार्रवाई के पूर्व ही अपने चहेते धंधेबाजों को सूचना दे दी जाती है. जिससे वे सतर्क हो जाते है.
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वहीं इस धंधे में लगे लोगों के द्वारा अपना चेन बनाकर बालू के खनन स्थल से लेकर सोनपुर से लेकर छपरा व सिताब दियारा तक नदियों में बालू का परिवहन करने के साथ-साथ भंडारण भी किया जा रहा है. इस धंधे में कुछ वैसे भी बालू के लाइसेंसी शामिल है जो निर्धारित स्टॉक को बिक्री करने के बाद हर रोज नया बालू अपने निर्धारित स्थल पर लाकर लाइसेंस के बदौलत काले धंधे को कानूनी रूप देते है.
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