पटना. खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में बिहार में कुछ नये निवेश धरातल पर उतरने जा रहे हैं. पटना के दनियावां में चिप्स और स्नैक्स, भागलपुर के बरारी में जूस और सॉफ्ट ड्रिंक और गया में पोटैटो चिप्स की यूनिट लगेगी. सबसे अधिक निवेश खाद्य प्रसंस्करण और हेल्थ सेक्टर में है. जिन वित्तीय प्रस्तावों को वित्तीय मंजूरी दी गयी है, उनमें नमकीन, चिप्स, कुरकुरे, सॉफ्ट ड्रिंक, फ्रूट ड्रिंक और बेकरी के क्षेत्र में है.
फिलहाल निवेश प्रोत्साहन पर्षद ने बिहार के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में दो करोड़ से अधिक के 19 निवेश प्रस्तावों को वित्तीय क्लीयरेंस दे दी है. इनमें 156 करोड़ के निवेश प्रस्तावित हैं. निवेश करने वाली यूनिट की बैंक और सरकार की नजर में वित्तीय सुविधा और अनुदानों की पात्रता हासिल हो गयी है. अब वह वित्तीय मदद लेकर प्रस्ताव के अनुरूप निवेश को धरातल पर उतार सकता है.
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पटना जिले के दनियावां में चिप्स और स्नेक बनाने का प्लांट स्थापित किया जायेगा. इसका निवेश प्रस्ताव 66.99 करोड़ का है.
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वैशाली जिले के हाजीपुर औद्योगिक क्षेत्र में नमकीन, कुरकुरे, पोटैटो चिप्स उत्पादन के लिए 38.61 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव
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भागलपुर बरारी औद्योगिक क्षेत्र में फू्ट जूस और सॉफ्ट ड्रिंक के क्षेत्र में 11.13 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव
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पटना जिले में पाटलिपुत्र औद्योगिक क्षेत्र स्वीट, बेकरी और नमकीन उत्पादन के लिए 10.34 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव
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गया जिले पोटैटो चिप्स उत्पादन के लिए लगभग दस करोड़ रुपये का प्लांट स्थापित किया जाना है.
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बक्सर जिले के ब्रम्हपुर क्षेत्र में वॉयल्ड राइस के लिए 10.86 करोड़ से अधिक का निवेश किया जाना है.
हेल्थकेयर सेक्टर में मुजफ्फरपुर के जोरन छपरा में 65 बेड के अस्पताल निर्माण के लिए 23.35 करोड़ और मधुबनी में लहरियागंज में 100 बेड के अस्पताल की स्थापना में चार करोड़ से अधिक का निवेश प्रस्तावित है. इसके अलावा इन प्रस्तावों में जनरल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के निवेश प्रस्तावों को हरी झंडी दी गयी है.
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विकास आयुक्त ने नगर आवास एवं विकास विभाग को निर्देशित किया है कि पटना महानगरीय और अन्य नगर पालिका क्षेत्र में मास्टर प्लान के तहत औद्योगिक क्षेत्रों का मैप अप्रूवल ऑनलाइन किया जाये. वहीं, अब अग्निशमन विभाग को फायर ऑडिट रिपोर्ट देने की प्रक्रिया ऑनलाइन करनी होगी. श्रम विभाग को निर्देशित किया गया है कि विभाग मैप का अप्रूवल ऑनलाइन करे. साथ ही आकलन समिति की अनुशंसा/अनुमोदन ऑनलाइन करें. साथ ही निवेशकों से साइट अप्रैजल की रिपोर्ट ऑनलाइन लेने के लिए कहा है. विकास आयुक्त ने पशुपालन विभाग से कहा है कि पॉल्ट्री फीड/फिस फीड और कैटल फीड सेक्टर के निवेशकों भारत सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं, इसकी जानकारी उपलब्ध कराएं.