Explainer Story: बिहार में मौसम बदला और पिछले दिनों रूक-रूक कर बारिश हो रही है. नदी-नाले लबालब भर गए हैं. वहीं अपने बिलों में पानी भर जाने के बाद अब सांप भी बिलबिला रहे हैं. सूबे में सर्पदंश यानी सांप काटने के मामले बढ़े हैं. कई लोगों की मौत भी हुई है. वहीं एक ऐसा भी मामला सामने आया है जहां एक महिला को 12 दिनों के अंदर में 3 बार सांप ने काटा और महिला जीवित है. जानिए इसके पीछे की संभावित वजह…
जहानाबाद के काको प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत तिस्कुरबा गांव में 12 वर्षीय बच्ची की सर्पदंश से मौत का मामला प्रकाश में आया है. घटना के संबंध में परिजनों ने बताया कि रात में बच्ची खाना खाकर सो गई थी. जब सुबह में हम सभी जगाने गए तो देखा कि वह जाग ही नहीं रही है. उसकी मौत हो चुकी है. जब जांच -पड़ताल की गई तो पाया कि बच्ची को कोई सर्प ने डस लिया है. मृतक तिस्कुरबा गांव निवासी बीरबल दास की पुत्री थी जिसकी मौत के बाद परिजनों में हाहाकार मचा हुआ है. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है.
सुपौल के राघोपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत चंपानगर वार्ड नंबर 3 में अपने घर में सो रही एक महिला को पिछले दिनों सांप ने डंस लिया. जिसके बाद परिजनों द्वारा उसे रेफरल अस्पताल राघोपुर लाया गया. जहां काफी जद्दोजहद के बाद डॉक्टरों द्वारा उसे बचा लिया गया. लेकिन सबसे हैरत की बात ये रही कि उक्त महिला पिछले 12 दिनों के अंदर तीसरी बार सर्पदंश की शिकार बनी है. जानकारी अनुसार चंपानगर वार्ड नंबर 3 निवासी अनिल यादव की पत्नी पुष्पा देवी अपने कमरे में सोई हुई थी, इसी दौरान गुरुवार की देर रात करीब तीन बजे सांप ने उनके बाएं हाथ में डंस लिया. बताया कि इससे पूर्व 31 जुलाई और 2 अगस्त को भी सांप ने डंस लिया था. उस दौरान वो अपने मायके में थी और तीसरी बार 10 अगस्त की रात को सांप ने काटा था. इस मामले में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने बताया कि उक्त महिला में सांप डंसने का लक्षण देख गया है. जिसके बाद उपचार किया जा रहा है, फिलहाल मरीज खतरे से बाहर है.
पश्चिमी चंपारण में स्थानीय वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के आसपास बसे रिहायशी इलाकों में आए दिन वन्य जीव भटक कर पहुंच रहे हैं. बरसात के कारण जंगल से सांप व अन्य जीव जंतुओं का प्रतिदिन निकलने का सिलसिला जारी है. इसी क्रम में वाल्मीकि नगर के टंकी बाजार निवासी के दुकान में जहरीला सांप कोबरा घुस आया. जिसको काफी मशक्कत के बाद कोतराहा वन विभाग के कर्मियों द्वारा रेस्क्यू किया गया. सांप को देखते ही लोगों में भगदड़ मच गयी. इसकी सूचना वाल्मीकिनगर वन विभाग को दी गयी. सूचना पर पहुंची स्नेक रेस्क्यू टीम के द्वारा तकरीबन एक घंटा के मशक्कत के बाद जहरीले कोबरा सांप को पकड़ कर सुरक्षित जटाशंकर वन क्षेत्र में छोड़ दिया गया गया.
झाझा थाना क्षेत्र की बैजला पंचायत अंतर्गत खैरन गांव निवासी एक युवक को हाल में ही सांप ने डंस लिया. हालत बिगड़ने पर उसे रेफरल अस्पताल लाया. जहां प्राथमिक उपचार करने के बाद बेहतर उपचार के लिए सदर अस्पताल रेफर कर दिया. युवक की पहचान उक्त गांव निवासी सुरेंद्र यादव के 17 वर्षीय पुत्र साजन कुमार के रूप में हुई है. परिजन ने बताया कि किसी काम को लेकर रात्रि में घर के बाहर गया था. उसी दौरान किसी विषैला सांप ने डंस लिया. चिल्लाते हुए वह घर की तरफ दौड़ा. शोर सुन परिजन व स्थानीय लोगों ने उसे अस्पताल लाया. प्राथमिक उपचार के बाद उसे रेफर कर दिया गया.
सांप काटने के कई मामले सामने आते हैं. लेकिन इनमें कई मामले ऐसे होते हैं जिनमें सर्पदंश के शिकार पीड़ित की मौत हो जाती है. वहीं कई मामलों में जानमाल की क्षति नहीं होती है. जैसे सुपौल में 12 दिनों के अंदर तीन बार एक ही महिला को सांप ने काटा और वो जीवित रही. इसके पीछे की वजह के बारे में सांपों का रेस्क्यू करने वाले भागलपुर निवासी गंगाप्रहरी स्पेयरहेड (भारतीय वन्यजीव संस्थान) दीपक कुमार बताते हैं कि पहले तो ये पता करना होगा कि डंसने वाला सांप कौन से प्रजाति का था. यदि सांप को किसी ने नहीं देखा है तो ये तय है कि विषहीन सांप ने डंसा होगा. उस इलाके में इस तरह के ही सांप अधिक होते होंगे. भारत में 4 जबकि बिहार में तीन ही प्रजाति के विषैले सांप अक्सर मिलते हैं. इनमें अगर कोई एक ने डंसा तो वो जानलेवा होता है. हर एक सांप के डंसने से मौत नहीं होती. जिस सांप में विष नहीं होता उसके डंसने से नुकसान नहीं होता है.