पटना. बिहार के जमुई में 125 मेगावाट और बांका में 75 सहित कुल 200 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट लगाये जाने को लेकर जमीन की बाधा लगभग दूर हो गयी है. योजना से जुड़ी सतलज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) ने जमुई के लिए आवश्यक 500 एकड़ जमीन के विरुद्ध लक्ष्मीपुर अंचल में 231 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री पूरी करते हुए 75 मेगावाट सोलर पावर प्लांट के लिए निविदा जारी कर दी है. इसके साथ ही बांका में आवश्यक 300 एकड़ जमीन के विरुद्ध चकाई के गढ़ीतेलवा में 225 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी की जा रही है. वन विभाग से उक्त भूमि का विवरण मांगा गया है.
बांका के तीन मौजा में जमीन की गयी चिह्नित
मिली जानकारी के मुताबिक बांका में 75 मेगावाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट लगाने को लेकर आधा दर्जन से अधिक जगहों मोठाबाड़ी, टोनापाथर, भैरोगंज, सनमुखिया मोड़, लेड़ाटांड, पहाड़पुर आदि पर उपयुक्त स्थल देखे गये. इस दौरान चकाई अंचल के तीन मौजा डिबिटार, आहरडीह और गढ़ीतेलवा मौजा में प्लेट बिछाने को जगह चिह्नित की गयी. वन विभाग ने डिबिटार और आहरडीह की भूमि संबंधित विवरणी उपलब्ध करा दी है, जबकि गढ़ीतेलवा की विवरणी मिलनी बाकी है. विवरणी मिलते ही रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी.
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जमुई में 300 एकड़ भूमि के लिए मिली अनुमति
अधिकारियों के मुताबिक जमुई प्लांट को लेकर 300 एकड़ भूमि से संबंधित विवरणी जून 2023 में डीएम जमुई और वन विभाग को सौंपी गयी, ताकि उसे राजस्व रिकॉर्ड का सत्यापन हो सके. अगस्त 2023 में इसकी स्वीकृति मिलने के बाद 231 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री पूरी कर ली गयी है, जबकि शेष आवश्यक जमीन की रजिस्ट्री को लेकर प्रक्रिया की जा रही है. अधिकारी ने बताया कि एजेंसी को रैयती भूमि की पहचान के लिए जमुई (न्यू) सब स्टेशन के पास राजस्व विभाग जबकि बांका (न्यू) सबस्टेशन के पास वन विभाग के सहयोग की जरूरत है. मालूम हो कि बिजली कंपनी ने 200 मेगावाट क्षमता की ग्रिड कनेक्टेड ग्राउंड माउंटेड सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए जनवरी 2022 में एसजेवीएन को जिम्मेदारी दी थी.
अगले वर्ष जून तक 210 मेगावाट की हरित ऊर्जा
महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल जैसे राजगीर, बोधगया व पटना के कुछ हिस्सों में 24 घंटे सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली की आपूर्ति होगी. इसके तहत राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की एजेंसी सोलर एनर्जी कारपोरेशन आफ इंडिया के साथ करार किया है. 210 मेगावाट हरित ऊर्जा की आपूर्ति होगी. दिलचस्प यह है कि इस करार के तहत दिन के साथ रात में भी बिजली की आपूर्ति होगी. पंप स्टोरेज प्लांट भी इस प्रोजेक्ट का हिस्सा है. जून 2024 तक इस प्रोजेक्ट से बिजली मिलने लगेगी.
200 मेगावाट की क्षमता वाली इकाई इसी वर्ष दिसंबर में
बिजली कंपनी ने 250 मेगावाट ग्रिड कनेक्टेड ग्राउंड माउंटेड सोलर पावर प्लांट की स्थापना के लिए निविदा के माध्यम से एजेंसी नियुक्त की है. बक्सर में थर्मल पावर यूनिट लगा रही कंपनी को 200 तथा एक अन्य कंपनी के साथ 50 मेगावाट की क्षमता वाली यूनिट की स्थापना को ले करार किया गया है. लक्ष्य के हिसाब से इसी वर्ष दिसंबर में 200 मेगावाट की क्षमता वाली यूनिट का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा और 50 मेगावाट वाली यूनिट मार्च 2024 में पूरी होगी. जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत भी सौर ऊर्जा प्लांट लगेगा. इसके लिए 450 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना के लिए कंसल्टेंट को नियुक्त कर लिया गया है. बिहार रिन्युएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (ब्रेडा) को इसके लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है.