पटना. पीएमसीएच में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब कैदी वार्ड में तैनात सिपाही देवनाथ चाैधरी ने गुरुवार को दो कैदियों के साथ ही तीन सिपाहियों और एक एसआइ पर इंसास राइफल तान दी. राइफल के मैग्जीन में 20 गोलियां थीं. कैदी वार्ड में तैनात पुलिसकर्मियाें ने टीओपी प्रभारी अमरेंद्र कुमार के साथ ही पीरबहोर थाने की पुलिस को इसकी सूचना दी. इसके बाद पीएमसीएच परिसर में अफरा-तफरी मच गयी. पुलिस जब मौके पर पहुंची, तो उस वक्त वह हथियार काॅक कर बैठा था. उसके बाद इधर-उधर की बात करके उसे उलझाए कर रखा गया. फिर उसका हथियार जब्त करने के बाद फाैरन काॅक को तोड़ा गया और मैग्जीन निकाला गया. राइफल तानने के बाद वह बार-बार गोली चलाने की बात कहने के साथ ही अनाप-शनाप बक रहा था.
ट्रिगर दबाते ही कइयो की चली जाती जान
मौके पर मौजूद एक सिपाही ने बताया कि अगर वह गाेली चला देता, ताे कई की जान चली जाती. उसे केवल ट्रिगर दबाना था. एक मिनट से कम समय में ही 20 गाेलियां बाहर हाे जातीं. बड़ा हादसा टल गया. पुलिस उसे वहां से ले गयी और साइकेट्री विभाग में एडमिट करा दिया. 31 वर्षीय देवनाथ 2008 बैच का सिपाही है और बेतिया का रहने वाला है. वह पटना पुलिस का जवान है. पिछले तीन माह से वह इसी वार्ड में ड्यूटी कर रहा है.
तीन दिनाें से चल रहा था परेशान, छुट्टी नहीं मिल रही थी उसे
पीएमसीएच सूत्राें के अनुसार पिछले दाे-तीन दिनाें से वह परेशान चल रहा था. साथ में ड्यूटी करने वाले सिपाहियाें ने समझा कि हाे सकता है कि उसे घरेलू परेशानी हाे. इस वजह से अकेले कुछ-कुछ बक रहा था. गुरुवार की सुबह काे ठीक-ठाक था. अचानक उसने हथियार उठाया और उसे तान दिया. पहले ताे सिपाहियाें ने हल्के में लिया, पर जब वह गाेली चलाने की बात कहने लगा, ताे सभी किसी अनहाेनी की आशंका से सहम गये. बताया जा रहा है कि उसे छुट्टी नहीं मिल रही थी. इधर, टाउन डीएसपी अशाेक कुमार ने बताया कि छुट्टी नहीं मिलना इसकी वजह नहीं है. वह मानसिक रूप से परेशान था.
जांच के लिए अस्पताल प्रशासन ने डीएम को लिखा पत्र
पीएमसीएच अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने बताया कि मामले की जानकारी लिखित रूप में डीएम को दी गयी है और उनसे पूरे मामले की जांच का आग्रह किया गया है.