पटना. बालू के अवैध खनन पर रोक लगाने के बाद बालू कारोबारियों ने इसके दाम को मनमाने तरीके से बढ़ा दिया है. जिला प्रशासन ने इस मनमानी पर रोक लगाने के लिए बालू का रेट तय कर दिया. हालांकि, सरकारी रेट पर बालू आपको शायद ही कहीं मिले. पटना में सरकारी रेट से दोगुने-तिगुने दाम पर बालू की बिक्री हो रही है. शुक्रवार को प्रभात खबर ने जब शहर में बेचे जा रहे बालू की पड़ताल की, तो पता लगा कि बालू व्यवसायी ट्रांसपोर्टिंग के नाम पर खुलेआम निर्धारित रेट से अधिक दाम पर बालू बेच रहे हैं.
राज्य सरकार ने जिले में बालू का रेट 4528 रुपये प्रति 100 सीएफटी तय किया है, जिसमें लोडिंग चार्ज 300 रुपये व कमीशन 201 रुपये शामिल हैं. इसके अलावा 35 रुपये प्रति किलोमीटर भाड़ा निर्धारित है. लेकिन, पटना शहर में इलाका व परिस्थिति के हिसाब से बालू 10 हजार रुपये से लेकर 15 रुपये प्रति ट्रैक्टर के हिसाब से बिक रहा है.
प्रभात खबर के संवाददाता ने 90 फुट के पास बालू ढोने वाले ट्रैक्टर चालकों से बातचीत की. ट्रैक्टर चालकों ने कहा कि भइया, डीजल के दाम बढ़ गये हैं. पुलिस भी जगह-जगह पैसा मांगती है. कहीं दूर ले जाना है, तो एक-डेढ़ हजार रुपये तो पुलिस को ही देने पड़ते हैं. यह सब देने के बाद भी अगर एक-डेढ़ हजार रुपये न बचे तो फिर कैसे चलेगा घर?
सिपारा के एक बालू व्यवसायी ने कहा कि पटना शहर के किसी भी जगह बालू ले जाना हो तो 15 हजार रुपये लगेंगे. इसके अलावा आपको कोई खर्च नहीं देना होगा. उसने कहा कि वह कोइलवर का बालू देगा, जो अच्छा रहेगा. जब संवाददाता ने कुछ दाम कम करने की बात कही, तो उसने काफी तोलमोल करने के बाद एक हजार रुपये कम किये.
पटना में 32 लाइसेंसधारियों को भंडारित बालू व जब्त बालू को तय दर पर बेचने का आदेश मिला है. सरकारी दर पर बालू की बिक्री हो रही है या नहीं, इसके लिए धावा दल का गठन किया है. इस धावा दल में मजिस्ट्रेट, खनन एवं भू-तत्व विभाग के पदाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी शामिल हैं. साथ ही जांच की रिपोर्ट भी वरीय पदाधिकारियों को भेजनी है.
पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह कहते हैं कि बालू की दर पर निगरानी रखी जा रही है. कुछ जगहों से अधिक रेट लिये जाने की शिकायतें मिली थीं. उन्हें नोटिस किया गया है. जो भी निर्धारित रेट से अधिक की राशि वसूल करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी-से-कड़ी कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए शनिवार से विशेष अभियान भी चलाया जायेगा.
Posted by Ashish Jha