Sonpur Mela 2023: सोनपुर मेले के अवसर पर मल्ल युद्ध प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. इस प्रतियोगिता 2023 में कला , संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री जितेंद्र कुमार राय ने विजेता खिलाड़ियों को नकद इनाम की राशि दी और उन्हें सम्मानित और प्रोत्साहित किया . साथ में बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कुश्ती के प्रशिक्षक वीर सिंह राव ने भी खिलाड़ियों को सम्मानित और प्रोत्साहित किया . 90 किलोग्राम से ज्यादा भारवर्ग में कैमूर के राधेश्याम ने चांदी का गदा जीता. इसके अलावा उन्होंने प्रतियोगिता के सर्वश्रेष्ठ पहलावन का खिताब भी हासिल किया. प्रशिक्षक वीर सिंह राव ने इन्हें इस इनाम के काबिल चुना है.
मेडल और सर्टिफिकेट के अलावा हर भर वर्ग के विजेता खिलाड़ियों को प्रथम स्थान के लिए एक लाख रुपये , द्वितीय स्थान के लिए 50 हजार और तृतीय स्थान के लिए 25 हजार रूपये की नकद राशि भी इनाम के रूप में दी गई .पुरुष और महिला वर्ग में विभिन्न भर वर्ग के जिन खिलाड़ियों ने पुरस्कार जीता उनमें से – 50 से 60 किलोग्राम महिला वर्ग में -जुगनू भारद्वाज- बेगूसराय प्रथम , रश्मि कुमारी – पटना द्वितीय- और गोपालगंज की कल्पना तिवारीतृतीय स्थान पर रहीं. 60 किलोग्राम से ऊपर महिला वर्ग में बेतिया की मंजू कुमारी प्रथम ,पटना की नूतन कुमारी द्वितीय और भोजपुर की राधा कुमारी तृतीय स्थान पर रहीं. पुरुष 60-70 किलोग्राम वर्ग में-सुमन कुमार, बेतिया, प्रथम ,सचिन कुमार, पटना, द्वितीय और दीपक कुमार सहनी, गोपालगंज, तृतीय स्थान पर रहे. 70-80 किलोग्राम वर्ग में – आकाश कुमार, भोजपुर, प्रथम ,राहुल कुमार,भोजपुर -द्वितीय तथा राम गोपाल राय, नवादा, तृतीय स्थान पर रहे . 80-90 किलोग्राम वर्ग में -राधेश्याम, कैमूर, प्रथम ,रुद्रेश कुमार, कैमूर, द्वितीय और रूपेश कुमार, कैमूर, तृतीय स्थान पर रहे. पुरुष 90 किलोग्राम से अधिक भार वर्ग में शुभम कुमार, कैमूर, प्रथम ,शमशेर यादव, कैमूर, द्वितीय तथा सुमंत यादव, बक्सर, तृतीय स्थान पर रहे. मल्लयुद्ध के समापन और पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में मंत्री जितेंद्र कुमार राय , बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवीन्द्रण शंकरण ,द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कुश्ती के प्रशिक्षक महावीर सिंह राव, बिहार कुश्ती संघ के सचिव विनय कुमार सहित राष्ट्रीय स्तर के कई पहलवान, अधिकारीगण तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे.
Also Read: बिहार शिक्षक भर्ती: D.EL.ED के आधार पर आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के लिए आदेश जारी, ये जानकारी देना जरूरी
प्रतियोगिता की शुरूआत के साथ मंत्री जितेंद्र कुमार राय ने कहा भी था कि कुश्ती बिहार का पारंपरिक खेल रहा है और खासकर छपरा के 5-10 किलोमीटर के क्षेत्र में तो यह बहुत प्रचलित था . कुश्ती में हमारा इतिहास बहुत गौरवशाली रहा है और हम पुराने गौरव को फिर से स्थापित करने के लिए हर संभव प्रयास और सहयोग करेंगे . बिहार सरकार राज्य में कुश्ती के खेल सहित खेल और खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है . हमारा उद्देश्य गांव- गांव तक हर खेल को पहुंचाना है और गांव की प्रतिभा को राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाना है . सोनपुर पशु मेला एशिया के प्रमुख मेला के रूप में विख्यात है . इसके आधुनिकीकरण और बेहतर आयोजन के लिए सरकार भविष्य में भी निरंतर प्रयास और समुचित उपाय करती रहेगी .
Also Read: झारखंड में सीएम नीतीश कुमार की 21 जनवरी को होगी जनसभा, जानिए वाराणसी रैली को लेकर अहम जानकारी
दूसरी ओर बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री रवीन्द्रण शंकरण ने बताया था कि पारंपरिक कुश्ती में बिहार का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है और हमारा प्रयास है कि उस गौरव को हम फिर से प्राप्त कर इसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकें. इसी उद्देश्य से वर्षों बाद पारंपरिक कुश्ती मल्लयुद्ध प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है ताकि इसे पुनर्जीवित कर हमारी इस ऐतिहासिक विरासत को और समृद्ध बनाया जा सके. मल्लयुद्ध को पारंपरिक खेलों में सबसे पुराना माना जाता है जिसका जिक्र 5 हजार साल पहले के रामायण और महाभारत काल के इतिहास में भी पाया जाता है .
बता दें कि मल्ल युद्ध की शुरूआत भारत से ही हुई है और इसका इतिहास भारत से ही जुड़ा हुआ है. इस युद्ध को बगैर हथियार और शस्त्र के लड़ा जाता है. इस खेल में जीत का कारण शारिरीक बल और बुद्धि होती है. इतिहासकारों के अनुसार आर्य सभ्यता के समय से ही यह खेल काफी प्रचलित था. महाभारत और रामायण तक में इसकी चर्चा मिल जाती है. मान्यता के अनुसार लंका के राजा रावण और किष्किन्धा के बीच मल्ल युद्ध की प्रतियोगिता हुई थी. इसके अलावा महाभारत काल में भीम और जरासंध के बीच मल्ल युद्ध हुआ था. द्वापर युग में भगवान कृष्ण ने राजा कंश के साथ मल्ल युद्ध किया था.