Sonpur Mela: नाच-गान के शौकीन लोगों के लिए खुशखबरी! सोनपुर मेले में फिर से सजेगी थिएटर वाली महफील

Sonpur Mela: विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेले में हर आयु, हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ खास होता है. इस मेले के बारे में कहा जाता है कि यहां दुनिया की हर चीज आसानी से उपलब्ध हो जाता है. जो एक साथ कहीं और नहीं मिलता हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 5, 2022 8:47 PM

Sonpur Mela: बिहार ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान रखने वाले सोनपुर मेले का आगाज कल रविवार को हो जाएगा. कोरोना महामारी के सामने आने के बाद पिछले दो साल से यह मेला प्रभावित हो गया था. अब तीन साल के लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर से सोनपुर का विश्‍व प्रसिद्ध मेला लगने वाला है. मेले में कई नई चीजें जुड़ी हैं, तो कई अब इतिहास के पन्नों में दबकर रह गयी है. यूं तो इस मेले की पहचान पशु मेले के रूप में विख्यात है. लेकिन मेले में लगने वाला थियेटर इसे और भी रंगीन और खास बनाता है.

तीन थियेटरों को मिली अनुमति

विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेले में हर आयु, हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ खास होता है. इस मेले के बारे में कहा जाता है कि यहां दुनिया की हर चीज आसानी से उपलब्ध हो जाता है. जो एक साथ कहीं और नहीं मिलता हैं. हर तबके के लोग अपनी चाहत को लेकर मेले में आता है. कोई भगवान हरिहरनाथ के दर्शन को आता है. तो कोई पशुओं की खरीदारी तो कोई राते रंगीन करने के इरादे से यहां आता है. बता दें कि कोरोना के चलते दो साल तक सोनपुर मेले का आयोजन नहीं हुआ था. इस वजह से थियेटर भी नहीं लग सका था. लेकिन इस बार जिला प्रशासन ने तीन थियेटरों को संचालित करने की अनुमति प्रदान की है. इसकी पुष्टि सोनपुर के एसडीएम ने की है.

थियेटर देखने के शौकीन लोगों में खुशी की लहर

जिला प्रशासन ने जैसे ही सोनपुर मेले में थियेटर संचालित करने को अनुमति प्रदान की, थियेटर के शौकीन लोगों में खुशी की लहर दौड़ गयी. मामले को लेकर सोनपुर के एसडीएम सुनील कुमार ने बताया कि सोनपुर हरिहर क्षेत्र मेला के नखास क्षेत्र में तीन थियेटर चलाने की अनुमति दे दी गई है. प्रशासनिक देख-रेख में थियेटर का संचालन होगा. किसी भी तरह का कुकृत्य करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

थियेटर में उमड़ती है हजारों की भीड़

बता दें कि सोनपुर मेले में नाच-गान का आयोजन आजादी के पूर्व काल से होता रहा है. अब नाच-गान ने ही थियेटर का रूप ले लिया है. स्थानीय जानकार बताते हैं कि इस मेले में पहले लोग दूर-दराज से हाथी, घोड़ा और मवेशियों को खरीदने के लिए आते थे. जिनके मनोरंजन के लिए रात में लौंडा नाच आदि कार्यक्रम का आयोजन किया जाता था. लेकिन इस आधुनिक परिवेश में कार्यक्रम का रूप डीजे के तेज धुनों और अश्लील गीत-संगीत ने ले लिया है. खास बात यह है कि लोग अब इसी थियेटर के लिए सोनपुर मेले को जानते हैं.

प्रशासन के नाक के नीचे लगते हैं ठुमके

गौरतलब है कि थियेटरों में अश्लील कार्यक्रमों का आयोजन नहीं हो इसके लिए तमाम तरह की तैयारियां की जाती है. थियेटरों में प्रशासन की ओर से सीसीटीवी कैमरे तक लगाये जाते हैं. बड़ी संख्या में पुलिस तैनात रहती है. लेकिन रात के अंधेरे में दर्शकों की मांग पर रातें रंगीन होती है. वो भी प्रशासन के नाक के नीचे. सोसल मीडिया पर ऐसे कई वायरल वीडियो अभी भी मौजूद है. जो सोनपुर मेले की सच्चाई और प्रशासन की तैयारियों के बारे में बयां करती है.

थियेटर के चाहने वालों का है अपना तर्क

थियेटर में अश्लील कार्यक्रमों के आयोजन को लेकर जहां एक बड़ा तबका विरोध करता है, तो नवयुवकों से लेकर अधेड़ों की एक बड़ी टोली इस कार्यक्रम के पक्ष में अपना मत रखते हैं. थियेटर के शौकीन लोगों का कहना है कि थियेटर से अधिक अश्लीलता मोबाइल, टीवी और फिल्मों में होती है. फर्क बस नजरिये और पर्दे का है. गौरतलब है कि सोनपुर मेले की तैयारी अपने अंतिम चरण में है. रविवार यानी 6 नवंबर से इस मेले का विधिवत रूप से उद्घाटन बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव करेंगे.

Next Article

Exit mobile version