स्पीकर ने किया माले विधायकों को मार्शल आउट, धरने पर बैठे विधायक सुदामा प्रसाद की बिगड़ी तबीयत

सदन में लगातार दूसरे दिन ऐसा नजारा देखने को मिला. इसके पहले बुधवार को एआईएमआईएम के विधायकों को मार्शल आउट किया गया था. सदन में हंगामे को लेकर स्पीकर विजय कुमार सिन्हा काफी सख्त दिख रहे हैं. प्रश्नोत्तरकाल बाधित करने वाले विधायकों के ऊपर लगातार उनकी तरफ से कार्रवाई देखने को मिली है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 31, 2022 1:14 PM

पटना. विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था और बेलगाम अपराध के मसले पर गुरुवार को विधानसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाकपा माले के विधायकों ने बिहार में बेलगाम अपराध के मसले पर हंगामा शुरू कर दिया. पोस्टर लेकर माले विधायक नारा लगाते हुए बेल में पहुंच गये.

विधानसभा अध्यक्ष ने किया शांत करने का प्रयास

सदन में हंगामा कर रहे विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने शांत होने के लिए कहा, लेकिन जब उन्होंने स्पीकर की बात नहीं मानी तो माले विधायकों को मार्शल आउट करवा दिया गया. विधानसभा अध्यक्ष से निर्देश मिलने के बाद सदन में मौजूद मार्शल तुरंत सक्रिय हुए और भाकपा माले विधायकों को टांग कर सदन से बाहर निकाल दिया.

सुदामा प्रसाद हुए बीमार

विधानसभा से मार्शल आउट किए जाने के बाद वाले विधायक सदन के बाहर धरने पर बैठ गए. इस दौरान भाकपा माले के विधायक सुदामा प्रसाद धूप में धरने पर बैठे हुए थे, उनकी तबीयत तो धीरे-धीरे बिगड़ने लगी. जिसके बाद वह परिसर में ही जमीन पर लेट गए. तबीयत बिगड़ने के बाद तत्काल विधानसभा में तैनात डॉक्टरों को बुलाया गया. एंबुलेंस बुलाकर सुदामा प्रसाद को अस्पताल ले जाया गया है.

दूसरे दिन हुई ऐसी कार्रवाई

सदन में लगातार दूसरे दिन ऐसा नजारा देखने को मिला. इसके पहले बुधवार को एआईएमआईएम के विधायकों को मार्शल आउट किया गया था. सदन में हंगामे को लेकर स्पीकर विजय कुमार सिन्हा काफी सख्त दिख रहे हैं. प्रश्नोत्तरकाल बाधित करने वाले विधायकों के ऊपर लगातार उनकी तरफ से कार्रवाई देखने को मिली है.

सत्ता पक्ष पर मनमानी का आरोप

विधानसभा की कार्यवाही से मार्शल आउट किए जाने के बाद भाकपा माले के विधायकों ने गंभीर आरोप लगाए हैं. भाकपा माले के विधायक महबूब आलम, मनोज मंजिल समेत अन्य विधायकों का कहना है कि सत्ता पक्ष अपनी मनमानी कर रहा है. बिहार में लगातार अपराध बढ़ रहा है, लेकिन इन सभी घटनाओं पर सदन में आवाज बुलंद करना भारी पड़ रहा है और सच की आवाज दबाने की कोशिश की गयी है.

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