सरस्वती पूजा में रहेगी असामाजिक तत्वों पर बिहार पुलिस की विशेष नजर, डीजे और अश्लील गानों पर रोक
इस साल सरस्वती पूजा का आयोजन कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखकर किया जायेगा. जिला प्रशासन ने सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ नहीं लगाने और प्रोटोकॉल का पालन करने का निर्देश दिया है.
पटना. इस साल सरस्वती पूजा का आयोजन कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखकर किया जायेगा. जिला प्रशासन ने सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ नहीं लगाने और प्रोटोकॉल का पालन करने का निर्देश दिया है.
जिला प्रशासन के नये आदेश के बाद सरस्वती पूजा के दौरान डीजे और अश्लील गाना बजाने पर पूरी तरह रोक रहेगी. इस आदेश का पालन नहीं करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
सरस्वती पूजा के शांतिपूर्ण आयोजन और कानून व्यवस्था बरकरार रखने के लिए बुधवार को पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह और वरीय पुलिस अधीक्षक उपेंद्र कुमार शर्मा ने जिले के अधिकारियों के साथ बैठक की और जरूरी दिशा-निर्देश दिये.
बैठक में कहा गया कि सरस्वती पूजा में डीजे बजाने पर पूरी तरह से रोक रहेगी. डीजे संचालक के साथ थानाध्यक्ष को बैठक कर आदेश का पालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है. सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए अनुमति लेने का निर्देश दिया गया है.
कोरोना के कारण सार्वजनिक स्थानों पर भीड़-भाड़ नहीं लगाना है. बैठक में कहा गया कि सभी एसडीओ और डीएसपी अनुमंडल स्तर पर, सभी बीडीओ, सीओ और थानाध्यक्ष थाना स्तर पर शांति समिति की बैठक करेंगे तथा आयोजन समिति के साथ समन्वय स्थापित कर पूजा का शांतिपूर्ण आयोजन करायेंगे. इसमें डीएम ने निर्देश दिया कि मूर्ति का विसर्जन कृत्रिम तालाबों में ही किया जायेगा. स्थानीय स्तर पर कृत्रिम तालाबों का निर्माण नगर निगम द्वारा किया जायेगा. मूर्ति विसर्जन 17 फरवरी को दिन में कराने का निर्देश दिया गया है.
बैठक में एसएसपी ने कहा कि असामाजिक तत्वों पर पुलिस की विशेष नजर रहेगी. डीएम ने जुलूस का रूट लाइन तय करने तथा शांति व्यवस्था बनाये रखने तथा आवश्यक कार्रवाई करने का सख्त निर्देश दिया है. सामाजिक तनाव पैदा करने वाले, सद्भाव भंग करने वाले असामाजिक एवं उपद्रवी तत्वों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
पूजा के शांतिपूर्ण आयोजन तथा कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की जायेगी. बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष जुड़े थे .
Posted by Ashish Jha