पश्चिम बिहार के बक्सर व चंपारण में बनेगा विशेष आर्थिक जोन, पूर्वी बिहार के लोगों की टूटी उम्मीद
एसइजेड स्थापित होने से बिहार की औद्योगिक गतिविधियों में न केवल तेजी आयेगी ,बल्कि निवेश और निर्यात दोनों को बढ़ावा मिलेगा. राज्य सरकार केंद्र से लगातार एसइजेड स्थापित करने की मांग करती रही है. उद्योग मंत्री समीर महासेठ ने एसइजेड की बात की थी.
पटना. बिहार में भी विशेष आर्थिक जोन (एसइजेड) की स्थापना की तैयारी तेज हो गयी है.बक्सर के नवानगर और पश्चिम चंपारण के कुमारबाग औद्योगिक क्षेत्र में एसइजेड प्रस्तावित है.बक्सर में जहां 100 करोड़ के निवेश से 125 एकड़ में और पश्चिम चंपारण में भी लगभग 100 करोड़ के निवेश से 125 एकड़ में एसइजेड स्थापित किये जायेंगे. एसइजेड स्थापित होने से बिहार की औद्योगिक गतिविधियों में न केवल तेजी आयेगी ,बल्कि निवेश और निर्यात दोनों को बढ़ावा मिलेगा. राज्य सरकार केंद्र से लगातार एसइजेड स्थापित करने की मांग करती रही है.ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में भी उद्योग मंत्री समीर महासेठ और विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौंड्रिक ने एसइजेड की बात की थी.
विशेष आर्थिक जोन से क्या होगा फायदा
एसइजेड बनने से राज्य में औद्योगिक गतिविधियां तेज होंगी और निवेश बढ़ेगा. बिहार से होने वाले निर्यात में भी वृद्धि होगा. एसइजेड में लगने वाली इकाइयों को आयकर अधिनियम के तहत निर्यात आय पर पहले 5 वर्षों के लिए 100% आयकर छूट, उसके बाद अगले पांच वर्षों के लिए 50% और अगले पांच वर्षों के लिए निर्यात लाभ का 50% छूट दी जाती है. एसइजेड में लगी इकाइयों को न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) से छूट दी जाती है. वहीं,जीएसटी में भी एसइजेड में लगने वाली इकाइयों को जीएसटी शुल्क की प्रतिपूर्ति की जाती है. वहीं, आयात के लिए लाइसेंस की कोई आवश्यकता नहीं है.विनिर्माण क्षेत्र में कुछ क्षेत्रों को छोड़कर, 100% एफडीआइ की अनुमति है.
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कौन करता है एसइजेड का अनुमोदन
एसइजेड का अनुमोदन अंतर-मंत्रालय अनुमोदन बोर्ड (बीओए) द्वारा प्रदान किया जाता है.राज्य सरकार अपने राज्य में एसइजेड स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजती है.बोर्ड, जिसका गठन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है एसइजेड स्थापित करने के प्रस्ताव पर निर्णय लेता है. बोर्ड की अध्यक्षता वाणिज्य विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के सचिव द्वारा की जाती है.अन्य सदस्य विभिन्न निकायों और मंत्रालयों से हैं जैसे केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीइसी), केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), आर्थिक मामलों का विभाग, वाणिज्य विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कानून और न्याय मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय के प्रितिनिधि रहते हैं.एक बार जब बीओए अपनी मंजूरी दे देता है, और केंद्र सरकार एसइजेड के क्षेत्र को अधिसूचित कर देती है, तो एसइजेड के अंदर इकाइयों को स्थापित करने की अनुमति दी जाती है.सरकार एसइजेड में स्थापित कंपनियों और व्यवसायों के लिए कई प्रोत्साहन प्रदान करती है.
मुजफ्फरपुर और भागलपुर को मिली निराशा
पिछले दिनों वाणिज्य मंत्रालय को लिखे पत्र में मंत्री ने बोधगया, फतुहा, मुजफ्फरपुर और भागलपुर सहित चार एसईजेड के आवंटन का अनुरोध किया था. बिहार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय से बिहार में कम से कम चार विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) आवंटित करने का अनुरोध किया है, जिससे नए निवेश के अवसरों का मार्ग प्रशस्त हो सके. बिहार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कम से कम चार एसईजेड आवंटित करने के लिए केंद्र को पत्र भेजा है. मधुबनी के मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, मंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य को एक नया निवेश गंतव्य बनाने में मदद करने के लिए बिहार में कम से कम चार एसईजेड आवंटित करने के लिए केंद्र सरकार को एक पत्र भेजा था.
केंद्रीय मंत्री से फिर मिलने जायेंगे समीर महासेठ
उन्होंने कहा कि कपड़ा, चमड़ा और अन्य क्षेत्रों के लिए नई नीतियों की घोषणा के बाद उद्यमी बिहार की ओर काफी उम्मीद से देख रहे हैं. हालाँकि,एसइ्रजेड के निर्माण से राज्य को अगला निवेश गंतव्य बनाने के लिए उद्योग विभाग की बोली को अतिरिक्त बढ़ावा मिलेगा. उद्योग विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मंत्री ने वाणिज्य मंत्रालय को लिखे पत्र में बोधगया, पटना के फतुहा, मुजफ्फरपुर और भागलपुर सहित चार एसईजेड के आवंटन का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा कि मैंने विभाग के अधिकारियों के साथ इस संबंध में कुछ महीने पहले केंद्र में रेलवे, नागरिक उड्डयन और वाणिज्य मंत्रालयों के अधिकारियों से मुलाकात की है. हम अगले महीने इस संबंध में फिर से मंत्रियों से मिलने जाएंगे.
औद्योगिक संघ भी है बिहार में इस मांग के साथ
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (बीआईए) भी राज्य में एसईजेड के आवंटन की मांग कर रहा है. बीआईए अध्यक्ष अरुण कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ हमारी हर बैठक में एसईजेड एजेंडे में रहा है, लेकिन अब चूंकि राज्य के उद्योग मंत्री ने इस मुद्दे को उठाया है, एसोसिएशन को यकीन है कि इसके सकारात्मक परिणाम मिलेंगे. उद्योग विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पूरे देश में स्वीकृत 400 से अधिक एसईजेड में से बिहार को एक भी आवंटित नहीं किया गया. अधिकारी ने कहा कि निवेशक अच्छी संख्या में आ रहे हैं, लेकिन उनमें से कुछ यह महसूस करने के बाद हाइबरनेशन मोड में चले जाते हैं कि राज्य में कोई एसईजेड नहीं है.