बिहार में रेलवे स्टेशन और भीड़ वाली जगहों पर बिछाये जाएंगे स्पेशल मैट, टहलने मात्र से बिजली होगी उत्पन्न !
बिहार में अब महज मैट पर टहलने मात्र से बिजली उत्पन्न होगी. कार्यालय में रोशनी व लगे पंखें व कूलर भी चलेंगे. रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड वर फुटपाथ तक मैट पर चलने से बिजली तैयार होगी. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पीजी फिजिक्स विभाग के छात्रों ने इस दिशा में रिसर्च का काम शुरू कर दिया है.
भागलपुर: कार्यालयों में बिछे मैट पर टहलने से बिजली उत्पन्न होगी. कार्यालय में रोशनी व लगे पंखें व कूलर भी चलेंगे. रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड वर फुटपाथ तक मैट पर चलने से बिजली तैयार होगी. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पीजी फिजिक्स विभाग के छात्रों ने इस दिशा में रिसर्च का काम शुरू कर दिया है.
बीआइटी मेसरा लैब में शोध करने के लिए जाएंगे छात्र
पीजी फिजिक्स विभाग के दो छात्र एनआइएफटी रांची व दो छात्र बीआइटी मेसरा के लैब में शोध करने जायेंगे. रिसर्च का विषय एनर्जी हार्वेस्टिंग है. इसके लिए चेन्नई में रबड़ टेक्नोलाॅजी पर काम करने वाली एक कंपनी से करार कर लिया गया है.
टहलने पर एनर्जी उत्पन्न होगा – विभागाध्यक्ष
पीजी फिजिक्स के विभागाध्यक्ष प्रो कमल प्रसाद ने बताया कि लोगों के टहलने से एनर्जी का उत्पन्न होगा. इलेक्ट्रिक पद्धति माइक्रो ऊर्जा विद्युतीय ऊर्जा उत्पन्न होगा. उस एनर्जी का उपयोग नहीं हो पाता है. उन्होंने बताया कि रबड़ टेक्नोलाॅजी पर काम करने वाली कंपनी मैट (चटाई) तैयार करेगी. मैट में पीजो इलेक्ट्रान का इस्तेमाल किया जायेगा. पीजी इलेक्ट्रान टीएमबीयू का फिजिक्स विभाग उपलब्ध करायेगा. पीजी इलेक्ट्रान युक्त रबड़ मैट को कार्यालय में बिछा दिया जायेगा, तो उस पर कार्यालय के कर्मियों के चलने व टहलने पर बिजली तैयार हो सकेगी, इसके मदद से कार्यालय के बल्ब पंखे चल सकेंगे.
रिसर्च के लिए चार छात्र का चयन
विभाग के चार छात्र का इनर्जी हार्वेस्टिंग रिसर्च के लिए चयन किया गया है. इसमें शोधार्थी उज्जवल प्रसाद, पुष्पराज हर्ष, अंकित व अभिनव पांडेय का चयन किया या है. बताया जा रहा है कि एनआइएफटी रांची व बीआइटी मेसरा के अधिकारियों से रिसर्च को लेकर करार तय माना जा रहा है. प्रो प्रसाद ने बताया कि शोध कार्य पूरा होने के बाद टीएमबीयू सहित बिहार के लिए मिल का पत्थर साबित होगा.
छात्रों में प्रतिभा की कमी नहीं
विभागाध्यक्ष प्रो कमल प्रसाद ने कहा कि विभाग के छात्र-छात्राओं में प्रतिभा की कमी नहीं है. उनके बीच सकारात्मक पहल करने की जरूरत है. विभाग द्वारा ऐसे कई रिसर्च का काम पूर्व में किया जा चुका है. इसके पहले नैनो टेकनोलॉजी पर भी रिसर्च का काम किया गया था. उन्होंने बताया कि विभाग के अन्य छात्र-छात्राएं भी रिसर्च में और बेहतर काम करने की तैयारी कर रहे हैं.