विशेष निगरानी इकाई ने की कार्रवाई, मगध यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार, प्रॉक्टर कुलपति के पीए समेत चार हिरासत में
Bihar News विशेष निगरानी इकाई ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मगध यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार, प्रॉक्टर कुलपति के पीए समेत चार को हिरासत में लिया है.
विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने भष्टाचार के आरोप में मगध विवि के चार पदाधिकारियों को पुलिस हिरासत में ले लिया है. एसवीयू ने सोमवार को मगध विवि के रजिस्ट्रार डॉ पुष्पेद्र कुमार वर्मा, प्रॉक्टर जयनंदन प्रसाद सिंह, लाइब्रेरी इंचार्ज विनोद सिंह और कुलपति के निजी सचिव सुबोध कुमार समेत कुछ अन्य पदाधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया था. हाल में विवि में कॉपी-किताब की खरीद, सर्टिफिकेट की छपाई, आधारभूत संरचना से जुड़े कार्य समेत ऐसे कुछ अन्य मामलों की जांच में कई स्तर पर भ्रष्टाचार की बात सामने आयी थी.
इन मसलों पर समुचित तरीके से पूछताछ करने के लिए एसवीयू ने परो वीसी समेत मगध विवि के कई अन्य पदाधिकारियों को बुलाया था. इसमे संतोषजनक जवाब नहीं देने और खरीद-फरोख्त या टेडर प्रणाली से संबंधित उचित जवाब नहीं देने के कारण रजिस्ट्रार, प्रॉक्टर, लाइब्रेरी इंचार्ज और वीसी के पीए को कस्टडी में ले लिया गया है. इन्हे सोमवार की देर शाम को कोर्ट के समक्ष वारंट लेने के लिए प्रस्तुत किया गया, लेकिन सोमवार की देर शाम तक यह नहीं मिल सका. इस वजह से अब इन्हे मंगलवार को फिर से प्रस्तुत किया जायेगा. यह संभावना जतायी जा रही है कि मंगलवार को इन्हे सात या इससे कम दिनों के लिए रिमांड पर भी लिया जा सकता है.
वीसी के तीन ठिकानों पर हुई थी छापेमारी
मगध विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के बिहार व यूपी के तीन ठिकानों पर 17 नवंबर, 2021 को एसवीयू ने आय से अधिक संपत्ति मामले में छापेमारी की थी. इस दौरान उनके पैतृक घर गोरखपुर से विवि से जुड़े कई बेहद संवेदनशील कागजात मिले थे. कुछ ऐसे कागजात मिले थे, जो उनके आवास पर नहीं होने चाहिए थे.
कॉपी व इ-बुक खरीद में बड़े स्तर पर धांधली
इन कागजात की जांच में यह बात सामने आयी थी कि उन्होंने कॉपी की छपाई और खरीद का ठेका लखनऊ में मौजूद अपने नजदीकी लोगों की कंपनी को तमाम नियमों की अनदेखी करके दे दिया था. इतना ही नहीं, किताब की खरीद में भी बड़े स्तर पर धांधली की गयी थी. बिना कमेटी की अनुमति के ही गलत तरीके से करोड़ों रुपये की इ-किताब समेत अन्य कई किताबे खरीद ली थी. किताब खरीद के नाम पर भी करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गयी थी.
इसके अलावा गार्ड की तैनाती, कुलपति आवास के रखरखाव समेत अन्य कई आधारभूत संरचनाओं के निर्माण में करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गयी थी. फिलहाल इन तमाम बातों की गहन जांच एसवीयू कर रहा है. अब तक की जांच में पायी गयी गड़बड़ी के आधार पर इतने पदाधिकारियों पर कार्रवाई हुई है. आने वाले दिन में जांच का दायरा बढ़ने के साथ ही इसकी जद में कई पदाधिकारियों के आने की आशंका है.
Posted by: Radheshyam Kushwaha