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बिहार में कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर है विशेष तैयारी, जानें इस साल क्या है खास योग

पटना में श्रीकृष्ण की आराधना की सारी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. राजधानी पटना के अधिकतर मंदिरों को रंगीन बल्बों से सजाया जा रहा है. इस्कॉन मंदिर और श्री गौड़ीय मठ सहित अन्य मंदिरों में बुधवार की मध्यरात्रि 11 बजकर 45 मिनट से लेकर 12 बजकर 15 मिनट तक जन्माष्टमी मनाया जायेगा.

पटना. भाद्रपद मास में सनातन धर्मावलंबियों का प्रमुख पर्व श्रीकृष्ण जन्माष्टमी छह और सात सितंबर की मध्यरात होगी. वर्षों बाद यह संयोग बना है कि छह और सात सितंबर की मध्यरात्रि को एक तरह जहां अष्टमी तिथि है वहीं दूसरी ओर रोहिणी नक्षत्र भी है. दोनों एक साथ होने से कृष्ण जन्म निर्विवाद रूप से मध्यरात्रि को होगा. कृष्णजयंती मनानेवाले वैष्णव जहां बुधवार को व्रत में रखकर मध्यरात्रि को कृष्ण की प्रतिमा स्थापित करेंगे, वहीं गृहस्थ गुरुवार को कृष्ण व्रत रखकर जन्मोत्सव मनायेंगे. धर्म में गृहस्थों के लिए तीन प्रकार का व्रत निर्धारित है. पहला निराहार, दूसरा फलहार और तीसरा असिद्धाहार. पटना में श्रीकृष्ण की आराधना की सारी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. राजधानी पटना के अधिकतर मंदिरों को रंगीन बल्बों से सजाया जा रहा है. इस्कॉन मंदिर और श्री गौड़ीय मठ सहित अन्य मंदिरों में बुधवार की मध्यरात्रि 11 बजकर 45 मिनट से लेकर 12 बजकर 15 मिनट तक जन्माष्टमी मनाया जायेगा.

जानें मुख्य बातें

  • बिहार की राजधानी पटना में महावीर मंदिर और इस्कॉन मंदिर में होगी विशेष पूजा-अर्चना

  • श्री गौड़ीय मठ में 108 कलश से महाभिषेक और 108 प्रकार का लगेगा भोग

इस्कॉन मंदिर में होगा हर साल की तरह विशेष पूजा का आयोजन

राजधानी पटना स्थित इस्कॉन मंदिर में गुरुवार सात सितंबर को भव्य श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव का आयोजन किया जाएगा. इस्कॉन मंदिर में आठ सितंबर को श्रील प्रभुपादका आविर्भाव महोत्सव मनाया जाएगा. आयोजन के दौरान मंदिर में उत्कृष्ट आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति होगी. इस दौरान श्री राधा-कृष्ण लीला संस्थान बरसाना की ओर से श्रीकृष्ण लीला की भी प्रस्तुति की जाएगी. इसमें देश-विदेशों से भी कृष्ण भक्त शामिल होंगे.

सुबह सात बजे से लेकर मध्य रात्रि 12 बजे तक कीर्तन

पटना इस्कॉन मंदिर के प्रवक्ता नंद गोपाल दास ने पत्रकारों को बताया कि जन्माष्टमी के दिन सुबह सात बजे से लेकर मध्य रात्रि 12 बजे तक भक्तों के द्वारा कीर्तन और भव्य आरती की जाएगी. साथ ही, रात्रि 12 बजे से 151 चांदी कलश से भगवान का महाअभिषेक किया जाएगा और महाप्रसाद का वितरण होगा. वहीं, आठ सितंबर को मंदिर परिसर के भव्य हॉल में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.

इस्कॉन मंदिर परिसर में खुला गोविंदा रेस्टोरेंट

इस्कॉन मंदिर में चिर प्रतिक्षित गोविंदा रेस्टोरेंट का शुभारंभ हो गया है. इस रेस्टोरेंट में भक्तों के लिए 36 प्रकार के सात्विक भोजन उपलब्ध होंगे. नंद गोपाल दास की मानें तो यहां मिलने वाले भोजन में लहसुन और प्याज का बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. इस रेस्टोरेंट में भोजन तैयार करने के लिए दिल्ली और मुंबई से बावर्ची बुलाए आए हैं. यहां पूरा भोजन शुद्ध घी में तैयार किया जाएगा.

मंदिर में एक साथ 5,000 लोग कर सकते हैं दर्शन

नंद गोपाल दास बताते हैं कि लगभग दो एकड़ क्षेत्र में फैले इस इस्कॉन मंदिर की ऊंचाई 108 फीट से अधिक है. इसके गर्भगृह में एक साथ पांच हजार लोग बांके बिहारी सहित अन्य देवी-देवताओं का दर्शन व पूजन कर सकते हैं. मथुरा और गुजरात के बाद पटना में देश का यह तीसरा इस्कॉन मंदिर है, जिसमें 84 खंभा पुरातन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. 84 खंभों के पीछे की वजह मनुष्यों के 84 लाख योनियों से जुड़ा है.

श्री गौड़ीय मठ में लगेगा विशेष भोग

गौड़ीय मठ में गुरुवार को भगवान श्रीकृष्ण के धरा धाम पर अवतरण लीला की कथा भसक्ति रस सार महाराज जी के श्रीमुख से भक्त जन सुनेंगे. रात्रि 11 बजे से 12 बजे तक कथा होगी.रात्रि 12 बजे भगवान के जन्म के समय उन्हें नए वस्त्र, पुष्प आभूषणों से श्रृंगार, महा-अभिषेक, अर्चन दिव्य आवाह्न के बाद 56 भोग अर्पित किया जाएगा. भगवान के लिए श्री धाम वृंदावन से मंगाये गये रत्न जड़ित राज वेश वस्त्र व मुकुट पहनाया जायेगा.

भक्तों में होगा चरणामृत व फलाहार प्रसाद वितरण

रात्रि 12.15 महाआरती के बाद भक्तों में चरणामृत व फलाहार प्रसाद वितरण होगा. दिन में सुबह आठ बजे से 11 बजे तक मां देवकी गर्भ स्तुति पाठ, ब्रह्म संहिता, दशावतार स्त्रोत पाठ होगा. गौड़ीय मठ में 90 वीं जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में सुगंधित फूलों से भव्य रूप से फुल बंगला बनाकर सजाया गया है. संपूर्ण मंदिर को रौलेक्स वबेह्तरीन लाइटिंग से सजाया गया है.

58 सालों से हो रहा आयोजन

जन्माष्टमी के दिन श्रद्धालु गण के दर्शन के लिए मंदिर सुबह पांच बजे से 10 बजे तक, दोपहर 12.30 से 3 बजे तक, संध्या पांच बजे से रात्रि 10 बजे तक व राषि 12 15 में जन्म आरती के समय पट खुला रहेगा. श्री गौड़ीय मठ का प्रसिद्ध जन्माष्टमी का भव्य मेला 58 सालों से आयोजित हो रहा है. मंदिर के तरफ से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्राथमिक चिकित्सा, सुरक्षा व्यवस्था, शीतल जल, फल-प्रसाद आदि की व्यवस्था की गयी है.महिला व पुरुष की अलग-अलग लाइन में एंट्री होगी.

यमुना अपार्टमेंट में होगी विशेष पूजा

बोरिंग रोड स्थित जमुना अपार्टमेंट में सात सितंबर को बड़ी धूम-धाम से जन्माष्टमी मनाई जायेगी. बुधवार को यहां कृष्णलला की झांकी निकाली गई. इसमें शामिल सभी मुर्तियां लकड़ी के हैं. साथ ही चंद्रयान-3 मुख्य आकर्षण का केन्द्र है. इसके आयोजक सुधीर गुप्ता हैं, जो 58 वर्षों से जन्माष्टमी करते आ रहे हैं.

हमारा देश अब चांद पर पहुंच चुका है

वहीं, श्वेता गुप्ता बताती हैं कि हमारा देश अब चांद पर पहुंच चुका है. जबकि, बाकी देश अभी इंतजार में ही हैं. इसकी सफलता में हम चंद्रयान-3 की थीम पर जन्माष्टमी मना रहे हैं. झांकी को कलाकार विश्वेंद्र सिंह और करण शर्मा ने बिना चीनी सामान का इस्तेमाल किए तैयार किया है. इसमें लड्डू गोपाल के सभी लीलाओं को भी प्रदर्शित किया गया है. रात में भजन कीर्तन होंगे और गुरुवार को दोपहर बारह बजे से रात दस बजे तक आम लोग कृष्णलला की झांकी का आनंद ले सकेंगे.

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