बिहार के इन दो शहरों में लगाये जा रहे खास किस्म के सर्विलांस कैमरे, गाड़ी नंबर से जान लेंगे पूरा डिटेल, जानिये इसके खास फायदे
ये खास किस्म के कैमरे मुख्य रूप से गाड़ियों में लगे हाइ सिक्योरिटी नंबर प्लेट एवं इन पर सटे होलोग्राम स्टिकर की मदद से किसी भी तरह की गाड़ी को ट्रेस कर लेंगे.
पटना. राज्य सरकार स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत चयनित शहरों को हाइटेक तरीके से भी स्मार्ट बनाने की तैयारी में जुट गयी है. इसके तहत शुरुआत में दो शहरों पटना और बिहारशरीफ का चयन किया गया है.
इन दोनों शहरों में हाइटेक सर्विलांस सिस्टम के तहत पूरे शहर में सभी स्थानों पर विशेष किस्म के कैमरे लगाने की योजना है. इन ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रेकॉग्नाइज (एएनपीआर) कैमरों की मदद से किसी गाड़ी के नंबर से उसके बारे में पूरी जानकारी निकाल ली जायेगी.
ये खास किस्म के कैमरे मुख्य रूप से गाड़ियों में लगे हाइ सिक्योरिटी नंबर प्लेट एवं इन पर सटे होलोग्राम स्टिकर की मदद से किसी भी तरह की गाड़ी को ट्रेस कर लेंगे. गाड़ी कितनी भी रफ्तार में क्यों न हो, ये बेहद आधुनिक कैमरे उस गाड़ी पर लगे नंबर प्लेट को पढ़कर इसे अपनी मेमोरी में सुरक्षित करे लेंगे.
साथ ही इसके आधार पर इसकी पूरी जानकारी भी निकाल लेंगे. ये सभी कैमरे इंटरनेट और एक समेकित कंट्रोल सेंटर से जुड़े रहेंगे.
इन कैमरों की समुचित मॉनीटरिंग और कंट्रोल करने के लिए दोनों शहरों में एक हाइटेक कंट्रोल सेंटर भी बनाया जायेगा. नगर विकास एवं आवास विभाग के तहत संचालित होने वाली स्मार्ट सिटी परियोजना के माध्यम से ये कैमरे लगाये जा रहे हैं.
करीब 100 करोड़ का खर्च आयेगा
इसमें केंद्र के स्तर से जारी निर्भया फंड को भी खर्च करने की योजना है. पूरी योजना को अमलीजामा पहनाने में करीब 100 करोड़ का खर्च आयेगा. यह अपनी तरह का खास किस्म का कैमरा है, जिसे पहली बार सुरक्षा व्यवस्था या समुचित चौकसी के लिए शहर में इंस्टॉल किया जा रहा है.
इन कैमरों को लगाने से पहले दोनों शहरों की पूरी मैपिंग की जायेगी और इसके आधार पर उन सभी स्थानों को चिन्हित किया जायेगा, जहां इन्हें लगाना है. सभी स्थिति की समीक्षा करने के बाद इन्हें अंतिम रूप से लगाने की प्रक्रिया शुरू होगी.
खास फायदे…
इन बेहद हाइटेक कैमरों की मदद से शहर के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जायेगी. इसके लिए एक कंट्रोल सेंटर होगा, जहां से किसी स्थान पर कोई घटना होने पर तुरंत इसकी सूचना संबंधित थाने को दी जायेगी,ताकि इस पर त्वरित कार्रवाई हो सके.
शहर में लूट या अन्य किसी तरह की वारदात होने पर इसके बारे में समुचित जानकारी मिल सकेगी. गाड़ी नंबर के आधार पर किसी अपराधी को पकड़ना काफी आसान होगा.
किसी वारदात के बाद गाड़ी से किसी अपराधी का शहर में होने वाली सभी गतिविधि या मूवमेंट के बारे में भी समुचित जानकारी मिल जायेगी.
Posted by Ashish Jha