Mars, Moon, Earth: गुरुवार की रात चांद के साथ मंगल को आसमान में देखे लोग, अद्भुत रहा ये खगोलीय घटना
अप्रैल में होने वाले विशिष्ट खगोलीय घटनाओं की शुरुआत बुधवार से हो गयी. गुरुवार को मंगल ग्रह (Mars) चंद्रमा (Moon) के काफी नजदीक होगा. ऐसे में मंगल, वृहस्पति, शनि और चंद्रमा का एक विशिष्ट संयोग लोगों को देखने को मिलेगा.
अप्रैल में होने वाले विशिष्ट खगोलीय घटनाओं की शुरुआत बुधवार से हो गयी. गुरुवार को मंगल ग्रह चंद्रमा के काफी नजदीक रहे. ऐसे में मंगल, वृहस्पति, शनि और चंद्रमा का एक विशिष्ट संयोग लोगों को देखने को मिला. इस समय लोगों ने यह दुर्लभतम खगोलीय घटना को देखा और अपनी मोबाइल में इसकी तस्वीर भी कैद की, वहीं, इस तस्वीर को एक दूसरें को शेयर भी किया. यह दुर्लभतम खगोलीय घटना को साधरणत: आंखों से भी दर्शन किया जा सकता है. इस घटना को खगोल विज्ञान की दुनिया में कन्जक्शन कहते हैं. प्रसिद्ध मौसम विज्ञानी डॉ एसएन पांडेय की माने तो बुधवार को मंगल, शनि और बृहस्पति एक सीध में होकर बृहस्पति चंद्रमा के सर्वाधिक करीब हुए. इन तीनों ग्रहों को भोर में साधारण आंखों से भी देखा जा सकेगा. इसे देखने के लिए खगोल शास्त्रियों की पूरी टीम लगी है. इसके प्रभाव पर भी मंथन की जा रही. रात्रि में उल्का वर्षा का दृश्य साधारण आंखों से देखने को मिलेगाडॉ पांडेय के अनुसार 22-23 अप्रैल की मध्य रात्रि में उल्का वर्षा का दृश्य साधारण आंखों से देखने को मिलेगा.
साधारण भाषा में इसे तारों का टूटना कहते हैं. जबकि यह टूटे तारे नहीं बल्कि निकिल, कॉपर, आयरन आदि पदार्थों से बने उल्का पिंड होते हैं, जो सूर्य का चक्कर लगाते-लगाते सौर मंडल से बाहर आ जाते हैं और गुरुत्वाकर्षण शक्ति के चलते पृथ्वी की ओर खींचे चले आते हैं. वैसे तो उल्का बारिश का दृश्य 16 व 26 को भी देखने को मिलेगा लेकिन 22-23 अप्रैल को यह चरम पर रहेगा. 22 अप्रैल की सुबह में 4:52 बजे पश्चिम-दक्षिण दिशा में और 23 अप्रैल की भोर में 4:05 बजे दक्षिण-उत्तर दिशा में इसे देखा जा सकेगा. यह चमकीले तारे की तरह कुछ देर के लिए दिखेगा. अंतिम खगोलीय घटना 29 अप्रैल को होगी. जब एक वृहद एस्टेराइड पृथ्वी के पास के गुजरेगा.
बता दें कि इन खगोलीय घटनाओं के कारण ही अंतरराष्ट्रीय खगोल संगठन ने इस अप्रैल को ग्लोबल एस्ट्रोनॉमी माह घोषित किया है. धनु, मकर व कुंभ राशि पर विशेष असर करेगाज्योतिषाचार्य पं राजेश्वरी मिश्र की माने तो यह खगालीय घटनाएं धनु, मकर व कुंभ राशि वालों को काफी प्रभावित करेगी. जबकि मिथुन व तुला राशि पर भी आंशिक असर रहेगा. इन राशि के लोगों को सावाधन रहने की जरूरत है. इस घटना से गर्मी व गर्मी जनित बीमारी अधिक होगा. बचने के लिए काला तील,घी और गुरूच(अमृता) के हवन के साथ हनुमानजी की अाराधना जरूरी है.