पटना में एक दूसरे से मिलने के मूड में नहीं प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार, जानिये क्या है कारण
राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर पिछले दो दिनों से पटना में हैं, लेकिन अब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनकी आधिकारिक मुलाकात नहीं हुई है. प्रशांत किशोर पटना में गैर राजनीतिक लोगों से मुलाकात कर रहे हैं और सोमवार की शाम पटना विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ उनकी मुलाकात की तस्वीरें भी सामने आयी.
पटना. राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर पिछले दो दिनों से पटना में हैं, लेकिन अब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनकी आधिकारिक मुलाकात नहीं हुई है. प्रशांत किशोर पटना में गैर राजनीतिक लोगों से मुलाकात कर रहे हैं और सोमवार की शाम पटना विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ उनकी मुलाकात की तस्वीरें भी सामने आयी.
प्रशांत मीडिया से दूर तो नीतीश बोले- कोई मतलब नहीं
प्रशांत किशोर पिछले दो दिनों में किसी मीडिया से आधिकारिक बात नहीं की है, लेकिन मंगलवार को गांधी मैदान पहुंचे सीएम नीतीश कुमार से जब प्रशांत किशोर के संबंध में सवाल पूछा गया तो हाथों को झटकते हुए उन्होंने सवाल को टाल दिया. उन्होंने कहा कि इस सबसे उनका कोई मतलब नहीं है. दिल्ली में एक दूसरे से मुलाकात करनेवाले नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर की पटना में अब तक आधिकारिक तौर पर मुलाकात नहीं होने के भी अब सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.
निजी रिश्तों पर सियासत भारी
जानकारों का कहना है कि नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के बीच रविवार को मुलाकात की उम्मीद थी और मीडिया का बड़ा वर्ग इसका इंतजार भी कर रहा था, लेकिन मुख्यमंत्री अचानक योजनाओं के निरीक्षण के लिए निकल गये और प्रशांत किशोर के मुख्यमंत्री आवास आने की उम्मीद भी खत्म हो गयी. मंगलवार को मुख्यमंत्री के बयान के बाद यह साफ हो गया कि दोनों पक्ष एक दूसरे से दूरी बना चुका है. जानकारों का भी मानना है कि बेशक नीतीश कुमार के प्रशांत किशोर से निजी संबंध रहे हों, लेकिन आज की परिस्थति में उनकी मुलाकात के सियासी मायने तो होंगे ही. इसीलिए दोनों आधिकारिक तौर पर मिलने से परहेज कर रहे हैं.
राजनीतिक पार्टी बनाने की चर्चा
मालूम हो कि चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने नयी पार्टी बनाने का संकेत दिया है. पटना पहुंचे प्रशांत किशोर ने जन सुराज अभियान की शुरुआत बिहार से करने की घोषणा की है. पांच मई को वे अपने अभियान के शुरुआत की आधिकारिक घोषणा करेंगे. उन्होंने सोमवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी है. ट्वीट में उन्होंने लिखा कि लोकतंत्र में एक सार्थक भागीदार बनने और जन समर्थक नीति को आकार देने के लिए उन्होंने 10 साल काम किया. अब लोगों के पास जाकर विभिन्न मुद्दों पर उनकी राय लेंगे और सभी पहलुओं को समझने की कोशिश करेंगे.
पांच मई को करेंगे खुलासा
इसकी शुरुआत बिहार से कर रहे हैं. प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में लिखा है कि वे बिहार में प्रचलित ‘सुशासन’ के बदले उसी भाव से जन सुराज अभियान चलायेंगे. उन्होंने कहा कि वह जनतांत्रिक प्रणाली में अपनी अर्थपूर्ण भागीदारी की शुरुआत करने जा रहे हैं. पांच मई को वे अगले दो से तीन महीने में जन सुराज अभियान के विभिन्न चरणों की घोषणा करेंगे. साथ ही हर गांव का दौरा शुरू करेंगे. लोगों की समस्याओं का निदान भी बतायेंगे.