पटना. सड़क हादसों में कमी लाने और तेज गति पर अंकुश लगाने के लिए बिहार पुलिस स्पीड रडार गन की मदद लेने जा रही है. इसकी शुरुआत राज्य से गुजर रहे पांच राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगाकर की जायेगी. धीमे- धीमे कर सभी प्रमुख मार्ग पर स्पीड गन स्थापित कर दी जायेंगी.
बिहार में इन पांच हाइवे पर 1400 किलोमीटर में 114 हॉट स्पॉट हैं. यहां राज्य में कुल हादसों में 50 फीसद हादसे इन्हीं स्थानों पर होते हैं. तेलंगाना की प्रणाली का अध्ययन करने के बाद अधिकारियों की टीम यूपी में जा रही है. यमुना एक्सप्रेस वे पर लगे सिस्टम का तकनीकी अध्ययन किया जायेगा.
ट्रैफिक के अलावा सड़क निर्माण विभाग, परिवहन और बेल्ट्रॉन के अधिकारी भी इस टीम में है. स्पीड रडार गन निर्धारित गति से अधिक तेज चलने वाले वाहनों को नम्बर प्लेट के साथ फोटो खींच लेती है. इसके बाद वाहन मालिक को स्वत: चालान चला जाता है.
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एनएच – 2 कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद व गया
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एनएच – 28 बेगूसराय, मुजफ्फरपुर व गोपालगंज
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एनएच – 30 पटना-भोजपुर
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एनएच – 31 नवादा, बिहारशरीफ, पटना बेगूसराय, खगड़िया, पूर्णिया व किशनगंज
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एनएच – 57 मुजफ्फरपुर, दरभंगा, अररिया व पूर्णिया
पैदल यात्रियों की सबसे अधिक जान बिहार की सड़कों पर जा रही है. एनसीआरबी की ताजा आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2021 के दौरान हुए सड़क हादसों में कुल 18,936 पैदल यात्रियों की मौत हुई, जिनमें से सबसे अधिक 2,796 लोगों की मौत अकेले बिहार में हुई. यह आकंड़ा कुल मौतों का 14.8 प्रतिशत है.