बिहार में ‘स्पीड’ पकड़ा स्पीडी ट्रायल, शराबबंदी कानून में 62 गुना बढ़ गयी सजा की दर
एडीजीपी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा है कि बिहार पुलिस ने अपराधियों को जल्दी- से -जल्दी दंडित कराने के लिए त्वरित विचारण (स्पीडी ट्रायल) में तेजी लायी जायेगी. कार्ययोजना तैयार कर ली है. उत्पाद अधिनियम (शराबबंदी कानून) के तहत 19 हजार 348 दाेषी सिद्ध हुए हैं.
पटना. एडीजीपी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा है कि बिहार पुलिस ने अपराधियों को जल्दी- से -जल्दी दंडित कराने के लिए त्वरित विचारण (स्पीडी ट्रायल) में तेजी लायी जायेगी. कार्ययोजना तैयार कर ली है. उत्पाद अधिनियम (शराबबंदी कानून) के तहत 19 हजार 348 दाेषी सिद्ध हुए हैं. शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने वाली की सजा की दर में करीब 62 गुना की बढ़ोतरी हुई है. 2021 में इस कानून में मात्र 312 लोगों को दोषी करार दिया गया था.
स्पीडी ट्रायल कोषांग का गठन
अपराधियों को सजा दिलाने में विधि विज्ञान प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट बड़ी कारगर साबित हो रही है. वे सोमवार को मीडिया से रूबरू हुए थे. एडीजीपी गंगवार ने बताया पुलिस मुख्यालय स्पीडी ट्रायल कोषांग का गठन कर पदाधिकारी की नियुक्ति करने जा रहा है. सभी जिलों के डीएम- एसएसपी व एसपी को निर्देश दिया गया है कि वह अपने-अपने जिलाें में स्पीडी ट्रायल के लिए कांड चिह्नित करें.
वर्ष 2020 में 1557 अपराधी दाेष सिद्ध हुए
दावा किया कि बिहार पुलिस द्वारा की गयी कार्रवाई में वर्ष 2022 में न केवल अपराधियाें की गिरफ्तारियां बढ़ी हैं, बल्कि न्यायालय द्वारा किये गये दाेष सिद्धि की संख्या में भी भारी वृद्धि हुई है. आंकड़े गिनाते हुए कहा कि वर्ष 2020 में 1557 अपराधी दाेष सिद्ध हुए थे. वर्ष 2021 में यह संख्या 8336 थी. वर्ष 2022 में जनवरी से जुलाई तक 25,304 अपराधी दाेषी सिद्धि कराये जा चुके हैं. वर्ष के अंत तक 43378 को दोष सिद्ध होने का अनुमान है.
सजा दिलाने में विधि विज्ञान प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट कारगर
अपराधियों को सजा दिलाने में विधि विज्ञान प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट बड़ी कारगर साबित हो रही है. जनवरी 22 से जुलाई तक 25,304 अपराधी दाेषी सिद्ध कराये जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि डायल 112 को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में भी कार्यकिया जा रहा है. रूट घटना पर पहुंचने आदि का डाटा जुटाया जा रहा है.