पटना़ लोकसभा और विधानसभा चुनावों में प्रत्याशियों के चुनाव खर्च सीमा बढ़ने के बाद इसका विस्तार स्थानीय स्तर तक होने की पूरी संभावना है.
अप्रैल-मई 2021 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होना है. पंचायत आम चुनाव, 2016 में प्रत्याशियों के चुनाव खर्च की सीमा को बढ़ाया गया था.
चुनाव आयोग ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में प्रत्याशियों के चुनाव खर्च की सीमा में 10% का इजाफा किया है. अगर पंचायती चुनाव में प्रत्याशियों के खर्च की सीमा में इतनी वृद्धि की जाती है, तो चुनाव खर्च सीमा दो हजार से 10 हजार तक बढ़ जायेगी.
चुनाव खर्च आदर्श आचार संहिता के तहत आता है. त्रिस्तरीय पंचायती राज के प्रतिनिधियों के लिए वर्तमान में चुनाव खर्च की सीमा निर्धारित है.
अभी वार्ड सदस्यों और पंच पद के प्रत्याशियों के चुनाव खर्च की सीमा 20 हजार रुपये, पंचायत समिति सदस्य पद के प्रत्याशियों के चुनाव खर्च की सीमा 30 हजार रुपये, मुखिया व सरपंच पदों के प्रत्याशियों के चुनाव खर्च की सीमा 40 हजार रुपये है.
जिला पर्षद के सदस्य पद के प्रत्याशियों के चुनाव खर्च की सीमा एक लाख रुपये निर्धारित है. अगर इसमें 10% वृद्धि होती है, तो वार्ड सदस्य और पंच पदों के लिए चुनाव खर्च की सीमा 22 हजार हो जायेगी.
इसी तरह पंचायत समिति सदस्य पद के लिए चुनाव खर्च सीमा 33 हजार, मुखिया और सरपंच पदों के लिए चुनाव खर्च की सीमा 44 हजार और जिला पर्षद सदस्य पद के चुनाव खर्च की सीमा बढ़कर 1.10 लाख रुपये हो जायेगी.
Posted by Ashish Jha