बिहार में खेल संस्कृति विकसित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई स्तरों पर काम किया जा रहा है. इसके लिए राज्य में खेल विश्वविद्यालय और खेल अकादमी स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है. वहीं, पद वर्ग स्वीकृति प्रशासकीय निकाय द्वारा इस खेल विश्वविद्यालय के लिए 31 और खेल अकादमी के लिए 81 पदों की स्वीकृति दे दी गई है. खेल विश्वविद्यालय के कुलपति के चयन की फाइल मुख्यमंत्री सचिवालय पहुंच चुकी है और अन्य पदों के लिए कला संस्कृति एवं युवा विभाग ने खेल प्राधिकार और शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर इस संबंध में आग्रह किया है.
खेल विश्वविद्यालय स्थापित करने वाला देश का छठा राज्य बिहार
राज्य का पहला खेल विश्वविद्यालय और खेल अकादमी दोनों राजगीर में स्थापित होना है. यह दोनों संस्थान राजगीर में बन रहे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम परिसर में स्थापित किये जायेंगे. गुजरात, पंजाब, असम, तमिलनाडु और राजस्थान के बाद खेल विश्वविद्यालय स्थापित करने वाला बिहार छठा राज्य बन गया है. इसके लिए बिहार खेल विश्वविद्यालय विधेयक 2021 विधानमंडल से पास किया गया था. इस विश्वविद्यालय के कुलपति का चयन खेल प्रशासन और खेल प्रबंधन के अनुभव के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी में से किया जायेगा. वहीं इस विश्वविद्यालय के पदेन कुलाधिपति मुख्यमंत्री होंगे.
खेल विश्वविद्यालय में इन विषयों की होगी पढ़ाई
नालंदा जिले में बन रहे इस खेल विश्वविद्यालय में खेल से संबंधित डिप्लोमा से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट तक की पढ़ाई की योजना है. प्रारंभिक चरण में शारीरिक शिक्षा, स्पोर्ट्स फिजिक्स, खेल प्रशिक्षण, स्पोर्ट्स मीडिया, खेल प्रबंधन और खेल प्रशासन संबंधी विषयों की पढ़ाई होगी. इस विश्वविद्यालय का मुख्यालय राजगीर में होगा. राजगीर का राज्य खेल अकादमी भी इसका हिस्सा होगा. विधेयक के अनुसार ऐसे व्यक्ति को विवि का कुलपति बनाया जाना है, जिन्हें या तो खेल प्रशासन या खेल प्रबंधन का अनुभव हो या वे अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हों. इससे संबद्ध सभी कॉलेज में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटों पर आरक्षण का प्रावधान भी किया गया है.
क्या-क्या फायदे होंगे खेल विश्वविद्यालय से
खेल विश्वविद्यालय खुल जाने से बिहार में ना सिर्फ खेलों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे लोगों के लिए रोजगार का सृजन भी होगा. इसके साथ ही राज्य में फिलहाल शारीरिक शिक्षकों और खेल प्रशिक्षकों की जो कमी है, उसे भी दूर किया जा सकेगा. इसके अतिरिक्त नये फिजिकल ट्रेनिंग कॉलेज भी खोलने की तैयारी चल रही है, जिससे बड़ी संख्या में खेल प्रशिक्षक भी तैयार होंगे.
90 एकड़ में तैयार होगा राज्य खेल अकादमी और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम
बता दें कि पर्यटक नगरी राजगीर से महज पांच किलोमीटर की दूरी पिलखी पंचायत के थेरा गांव में ठेरा हिन्दुपुर मौजा के 90.765 एकड़ में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम सह स्पोर्ट्स एकेडमी का निर्माण हो रहा है. इस अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम के बन जाने के बाद यहां राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मैच भी खेले जाएंगे. 740.82 करोड़ रुपये खर्च कर इस क्रिकेट स्टेडियम और खेल अकादमी का निर्माण किया जा रहा है.
क्रिकेट के साथ अन्य खेलों का भी होगा आयोजन
राजगीर में बन रहे इस अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम सह स्पोर्ट्स एकेडमी में क्रिकेट के साथ अन्य खेलों का भी आयोजन होगा. यहां खेल पुस्तकालय भी होगा. कैंपस में एक बड़ा और छोटा स्टेडियम, तमाम खेलों के लिए जरूरत की खेल सामग्रियां, अस्पताल, मोटिवेशन सेंटर, रिवर्स पैवेलियन जी प्लस टू, पैवलियन जी प्लस पांच, पूरब व पश्चिम में अलग-अलग वाहन स्टैंड जी प्लस टू, फुटबॉल फील्ड टॉयलेट, बास्केटबॉल, डाइविंग पुल, छह स्पोर्ट्स हॉल, स्टेडियम में ठहरने के लिए 45 रुम, 1500 लोगों की कैपेसिटी का हॉल, किचन, बाथरूम, ओपन स्विमिंग पुल, बॉलीबॉल का दो ग्राउंड, पांच मल्टीपरपस हॉल, एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक, डॉरमेट्री टाइप का कमरे का निर्माण किया जाना है.
नीतीश कुमार ने 2007 में की थी स्टेडियम बनाने की घोषणा
राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजगीर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम -सह-स्पोर्ट्स एकेडमी बनाने की घोषणा वर्ष 2007 में की थी. राजगीर की पिलखी पंचायत के थेरा में बन रहे इस स्टेडियम में इनडोर और आउटडोर खेल परिसर होगा. अकादमी में खेल का मैदान, खेल उपकरण, पुस्तकालय के साथ अनुसंधान, फिटनेस और प्रेरणा केंद्र जैसी सुविधाएं होंगी.
बिहार के युवाओं के लिए है बड़ी सौगात
बिहार सरकार खेल को बढ़ावा देने और राज्य में ह बेहतर खिलाड़ी तैयार करने के उद्देश्य से राजगीर में खेल विश्वविद्यालय का निर्माण करा रही है. इसके निर्माण के बाद युवओं को खेल जगत में आगे बढ़ने में काफी सुविधा मिलेगी. इस विश्वविद्यालय में युवाओं को वो हर जरूरत का सामान मिलेगा जो एक खिलाड़ी को अभ्यास के दौरान चाहिए.