सृजन घोटाला: पहले डीएम जिन्हें भगोड़ा घोषित किया गया, जदयू से चुनाव लड़ चुके केपी रमैया को जानें

बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाला में अब तीन फरार आरोपितों को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया है. इन चेहरों में एक हैं बिहार के चर्चित आइएएस अधिकारी रहे के पी रमैया. जो भागलपुर के डीएम भी रहे और बाद में जदयू से उम्मीदवार भी बने.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 22, 2023 7:28 AM

Srijan Scam Bihar: आंध्र प्रदेश के मूल निवासी कुदरू पालेम रमैया यानी केपी रमैया बिहार के चर्चित प्रशासनिक पदाधिकारी (IAS) रहे. प्रशासनिक पदाधिकारी से लेकर सियासत तक में उन्होंने अपनी पारी खेली. लेकिन केपी रमैया भागलपुर के बहुचर्चित सृजन घोटाले (Srijan Ghotala Bhagalpur) की जांच में जाकर फंस गए. भागलपुर के डीएम रहे केपी रमैया पर सृजन घोटाला मामले में गंभीर आरोप हैं और उनकी संलिप्तता भी इस घोटाले में पाई गई है. रमैया के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी है और वो कई वर्षों से फरार चल रहे हैं. केपी रमैय्या को अब भगोड़ा घोषित कर दिया गया है. जानिए इस आइएएस अधिकारी के बारे में…

VRS लेकर जदयू से बने थे उम्मीदवार

भागलपुर में जब किसी डीएम की चर्चा होती है तो आज भी लोग केपी रमैया को जरुर याद करते हैं. लेकिन सृजन घोटाले ने उनकी छवि एक अपराधी की बना दी. केपी रमैया का कद कुछ ऐसा रहा कि वो नौकरी में रहने के दौरान ही वीआरएस लेकर सत्ताधारी दल जदयू का दामन थाम बैठे थे. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रमैय्या को जदयू की सदस्यता दिलाई थी और लोकसभा चुनाव तक पार्टी ने उन्हें लड़ाया. वो सासाराम से उम्मीदवार बनाए गए थे.

बड़े पदों पर रहे रमैया

केपी रमैया ने 2014 में वीआरएस लेकर नौकरी छोड़ दी थी और जदयू ज्वाइन कर लिया था. खुद सीएम नीतीश कुमार ने रमैया को पार्टी में ज्वाइन कराया था. इसके बाद रमैया को सासाराम से प्रत्याशी बनाया गया. हालाकि रमैया चुनाव हार गए. रमैया 1986 बैच के आइएएस अधिकारी हैं. 1989 में वो पहली बार भभुआ के एसडीओ बनाए गए थे. बेगूसराय व पटना के भी वो डीएम रहे. सियासत में आने से पहले वो एससी-एसटी विभाग के प्रधान सचिव भी रहे. वो महादलित आयोग के भी सचिव थे.

Also Read: भागलपुर में दिनदहाड़े डकैती: दंपति को बंधक बनाकर लूटा, जेवर व कैश लेकर पैदल ही भागे बदमाश, इनपर शक…
भागलपुर मे डीएम रहकर उलझे रमैया

बिहार के भागलपुर में अरबों के हुए सृजन घोटाले की जांच जारी है. तब केपी रमैया 2003-04 में भागलपुर के डीएम हुआ करते थे. सीबीआई की ओर से दर्ज प्राथमिकी में रमैया फरार हैं. सीबीआई ने 18 मार्च 2020 को जिन 28 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया उनमें रमैया भी शामिल थे.

चार्जशीट में रमैया पर आरोप

चार्जशीट में बताया गया कि डीएम रमैया ने ही सृजन संस्था को घोटाले का जाल बिछाने में शह दी. उन्होंने सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं को अधिकृत पत्र जारी कर दिया कि सरकारी योजनाओं के पैसे सृजन में जमा किया जाए ताकि इन्हें प्रोत्साहित किया जा सके. 20 दिसंबर 2003 को यह पत्र लिखा गया जिसका पत्रांक 1136 था. इस पत्र के जारी होने के बाद ही कई बीडीओ ने सृजन के खाते में राशि जमा की थी.

Published By: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version