सृजन घोटाला: भागलपुर के तत्कालीन डीएम केपी रमैया को बड़ी राहत, पटना हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत
न्यायमूर्ति प्रभात कुमार सिंह की एकलपीठ ने केपी रमैया की ओर से दायर अग्रिम जमानत की याचिका पर सुनवाई के बाद भागलपुर के तत्कालीन डीएम केपी रमैया को सृजन घोटाला मामले में अग्रिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश निचली अदालत को दिया
Srijan Scam Bihar: पटना हाइकोर्ट ने भागलपुर के तत्कालीन डीएम केपी रमैया को सृजन घोटाला मामले में अग्रिम जमानत दे दी है. न्यायमूर्ति प्रभात कुमार सिंह की एकलपीठ ने केपी रमैया की ओर से दायर अग्रिम जमानत की याचिका पर सुनवाई के बाद उन्हें अग्रिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश निचली अदालत को दिया.
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को क्या बताया
कोर्ट को याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि रमैया छह फरवरी , 2003 से 27 जुलाई, 2004 तक भागलपुर के डीएम पद पर थे. इनके कार्यकाल के दौरान पैसों को लेकर कोई विवाद नहीं था. न ही इन्होंने को-ऑपरेटिव बैंक में कोई खाता खुलवाया था. उनका कहना था कि भागलपुर कोतवाली तिलकामांझी थाना कांड संख्या 505/17 में दर्ज प्राथमिकी में इनका नाम नहीं है. जब इस मामले की जांच सीबीआइ ने अपने हाथ में ली और जांच के बाद 28 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया और डीएम पर जो- जो आरोप सीबीआइ ने लगाया वह एक भी आरोप सत्य नहीं है.
उम्र को देखते हुए रमैया को अग्रिम जमानत दी गयी
सीबीआइ के वकील ने अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि सीबीआइ ने जांच में इनके खिलाफ सबूत इकट्ठा किया है. ऐसे में अग्रिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए. इसके जवाब में कहा गया कि आवेदक रमैया 68 वर्ष के हैं और एक सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी हैं. कोर्ट ने लगाये गये आरोप और उम्र को देखते हुए रमैया को अग्रिम जमानत दे दी.
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केपी रमैया पर सृजन घोटाला मामले में गंभीर आरोप
आंध्र प्रदेश के मूल निवासी कुदरू पालेम रमैया यानी केपी रमैया बिहार के चर्चित प्रशासनिक पदाधिकारी रहे हैं. प्रशासनिक पदाधिकारी से लेकर सियासत तक में उन्होंने अपनी पारी खेली. लेकिन केपी रमैया भागलपुर के बहुचर्चित सृजन घोटाले की जांच में जाकर फंस गए. भागलपुर के डीएम रहे केपी रमैया पर सृजन घोटाला मामले में गंभीर आरोप हैं और उनकी संलिप्तता भी इस घोटाले में पाई गई है.