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बिहार: बैंक से वसूले जा रहे सृजन घोटाले में गये करोड़ों रुपये, सुप्रीम कोर्ट भी नहीं दे रही आरोपित को जमानत

बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाला मामले में बैंक से राशि वसूलने की प्रक्रिया चल रही है. मामला अदालत में है और इसपर एकबार फिर से सुनवाई टली है. वहीं सृजन घोटाला मामले में जेल में बंद आरोपित को अब सुप्रीम कोर्ट से भी जमानत नहीं मिल सकी है.

Srijan Scam Bihar: बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाला मामले में लगातार कार्रवाई चल रही है. हजारों करोड़ के इस महाघोटाले में अबतक कई आरोपित जेल जा चुके हैं. सृजन संस्था की सचिव रजनी प्रिया को भी सीबीआई ने हाल में गिरफ्तार कर लिया था और जेल भेजा है. वहीं इस मामले जेल भेजे गए आरोपित की जमानत याचिका जब सुप्रीम कोर्ट में भी खारिज हो रही है. इधर, बैंक ऑफ इंडिया से सृजन घोटाले में गये करोड़ों रुपए की राशि को वसूलने की प्रक्रिया चल रही है. बैंक ने अदालत की शरण ली है. लेकिन शुक्रवार को एकबार फिर से सुनवाई टली है.

बैंक ऑफ इंडिया से जुड‍़ा मामला..

सृजन घोटाला मामले में बैंक ऑफ इंडिया के नीलामपत्र वाद की शुक्रवार को होनेवाली सुनवाई नहीं हुई. इस मामले में बैंक ऑफ इंडिया को डीएम की अदालत के आदेश के आधार पर संबंधित विभाग के खाते में राशि वापस करने का निर्देश दिया गया है. इस संबंध में नीलामपत्र पदाधिकारी की ओर से बैंक को पत्र भेजने का निर्देश दिया गया है. मामले की अगली सुनवाई तीन नवंबर को होगी. इस मामले में बैंक ऑफ इंडिया की अपील डीएम की कोर्ट ने खारिज कर दी थी. अपील खारिज करते हुए उपविकास आयुक्त को आदेश दिया गया था कि घोटाला की गयी राशि की नियमानुसार वसूली बैंक से करें. बैंक ऑफ इंडिया की भागलपुर व सबौर ब्रांच के मामले में यह आदेश दिया गया था. इन दोनों ब्रांच के खाते से विभिन्न विभागों की राशि का घोटाला हो गया था. राशि की वसूली के लिए सर्टिफिकेट केस दायर किया गया था.

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डीएम ने बैंक को यह आदेश दिया…

सर्टिफिकेट केस की कई सुनवाई के बाद नीलाम पत्र पदाधिकारी सह डीडीसी ने घोटाले में गयी राशि वापस करने का निर्देश बैंक को दिया था. इसमें बैंक ऑफ इंडिया की भागलपुर ब्रांच को छह करोड़ 91 लाख 33 हजार 712 रुपये और सबौर ब्रांच को 14 करोड़ 79 लाख 99 हजार 600 रुपये लौटाने का आदेश था. लेकिन बैंक की ओर से आदेश के खिलाफ पटना हाइकोर्ट में मामला दर्ज कराया गया. हाइकोर्ट ने निचले स्तर से मामले का निष्पादन कराने का आदेश दिया. इसके बाद बैंक की ओर से डीडीसी के आदेश के खिलाफ डीएम की कोर्ट में अपील आवेदन दिया गया. इस पर डीएम ने बैंक को यह आदेश दिया कि घोटाले की कुल राशि की 40 प्रतिशत राशि जमा करें, ताकि अपील पर सुनवाई की जा सके. इस पर बैंक ने प्री डिपॉजिट राशि माफ करने का अनुरोध किया, ताकि वाद अंगीकृत हो सके. लेकिन सरकार की ओर से नियुक्त वकील ने कहा कि कानून के अनुसार इस वाद में प्री डिपॉजिट राशि की माफी नहीं हो सकती है. इसके बाद डीएम ने अपील आवेदन को खारिज करते हुए डीडीसी को बैंक से राशि वसूली करने का आदेश दिया.

विपिन शर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने भी नहीं दी जमानत..

उधर, सृजन घोटाला के आरोपित भागलपुर के कारोबारी सह पूर्व राजनेता विपिन शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली. विपिन शर्मा को सर्वोच्च न्यायालय ने भी जमानत देने से इंकार कर दिया. बता दें कि विपिन शर्मा पर ईडी ने मनी लॉंड्रिंग मामले में केस दर्ज की है. एक मामले में विपिन शर्मा चार्जशीटेड हैं. जिसमें सृजन संस्था के खाते से पैसे लेकर संपत्ति बनाने व निजी कार्यों में इसे लगाने का प्रमाण पाया गया है. इस मामले में विपिन शर्मा को पहले पटना के पीएमएलए कोर्ट और फिर पटना हाईकोर्ट से भी जमानत नहीं मिली थी. दोनों जगह से जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया था. विपिन शर्मा एकबार फिर से हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर सकते हैं. वहीं सृजन घोटाला मामले में आरोपित एनवी राजू की जमानत याचिका पर शुक्रवार को फैसला नहीं लिया जा सका. एक सप्ताह के बाद इसपर सुनवाई संभावित है. सहरसा के भू अर्जन कार्यालय से करोड़ों रुपए सृजन के खाते में ट्रांसफर करने से मामला जुड़ा हुआ है.

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