Srijan Ghotala Bihar: बिहार के सबसे बड़े घोटालों में एक भागलपुर का बहुचर्चित सृजन घोटाला (Srijan Scam Bihar) मामले में फंसे इसी जिले के पूर्व डीएम आइएएस अधिकारी वीरेंद्र प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. अदालत से पिछले दिनों गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद आरोपित अधिकारी उचित न्यायिक प्रक्रिया को पूरा नहीं कर सके हैं. जिसके बाद अब उनकी गिरफ्तारी के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है. वहीं जानकारी के अनुसार अब पूर्व डीएम पर कुर्की की भी तैयारी चल रही है.
भागलपुर के डीएम रहे आइएएस अधिकारी वीरेंद्र प्रसाद यादव को सृजन घोटाला मामले में आरोपित बनाया गया है. सरकारी चेकों से करोड़ों रुपये की सरकारी राशि को सृजन के खाते में डायवर्ट करना का आरोप अधिकारी पर लगा है. सिग्नेचर की जांच के बाद आरोपों को सही पाया गया था. पिछले दिनों जमानत याचिका खारिज होने के बाद उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट अदालत ने जारी किया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आरोपित वीरेंद्र यादव के सरेंडर नहीं करने पर अब सीबीआई ने कुर्की और इश्तेहार चिपकाने की तैयारी शुरू कर दी है. वीरेंद्र कुमार ने अभी तक ना तो सरेंडर किया है और ना ही सक्षम कोर्ट के द्वारा नो-कोरसिव ऑर्डर या स्टे ऑर्डर की कॉपी जमा की है. उधर, जानकारी ऐसी भी सामने आ रही है कि आरोपित वीरेंद्र यादव को पटना या जमुई में छिपे होने की आशंका पर सीबीआई की टीम लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही है. वीरेंद्र यादव की संपत्तियों की जानकारी भी जुटाई जा रही है.
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ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि वीरेंद्र यादव गिरफ्तारी से बचने के लिए कानूनी सलाह ले रहे होंगे. वीरेंद्र प्रसाद यादव पर आरोप है कि अपने पद का इन्होंने दुरुपयोग करते हुए अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर दो चेक के माध्यम से बड़ा खेल किया और करोड़ों रुपये का गबन किया है.नजारत शाखा के 21 करोड़ 95 लाख से अधिक रुपये सृजन के खाते में डायवर्ट करने का आरोप लगा है. इन चेकों पर वीरेंद्र यादव ने सिग्नेचर की पुष्टि हो चुकी है.
Posted By: Thakur Shaktilochan