Loading election data...

सृजन घोटाले में बड़ी कार्रवाई: CBI ने सेवानिवृत्त BPSC अधिकारी को मधेपुरा से किया गिरफ्तार

सृजन घोटाले में CBI के द्वारा बड़ी कार्रवाई की गयी है. सीबीआई ने छापेमारी करते हुए सेवानिवृत्त BPSC के अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया है. एसपी राजेश कुमार ने बताया कि टीम ने मधेपुरा के तुनियाही में उनके पैतृक घर और और उनके द्वारा संचालित निजी विद्यालय पर छापेमारी की थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 6, 2022 7:18 PM

सृजन घोटाला मामले में CBI के द्वारा बड़ी कार्रवाई की गयी है. सीबीआई ने बुधवार को सेवानिवृत्त BPSC अधिकारी के घर और निजी स्कूल पर छापामारी करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. एसपी राजेश कुमार ने बताया कि टीम ने बिहार प्रशासनिक सेवा (बिप्रसे) के पदाधिकारी कृष्ण कुमार के मधेपुरा के तुनियाही में उनके पैतृक घर और और उनके द्वारा संचालित निजी विद्यालय पर छापेमारी की थी. इसके बाद उन्हें विद्यालय से गिरफ्तार कर लिया गया. सृजन घोटाला के मामले में उनसे पूछताछ की गयी थी. इसमें उन्होंने कुछ बताते से मना कर दिया. इसके बाद कार्रवाई की गयी है. बिहार लोक सेवा आयोग के अनुशासनिक प्राधिकार के स्तर से भी जांच की गयी थी. इसमें उनपर लगे आरोप सही पाए गाए हैं.

2019 से बर्खास्त थे अधिकारी

कृष्ण कुमार को उनके सेवानिवृत्ति के दिन 31 जनवरी 2019 को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था. इससे पहले वो सृजन घोटाला में नाम आने के बाद से निलंबन में चल रहे थे. अधिकारी पर आरोप था कि जब वो सहरसा में भू-अर्जन अधिकारी के पद पर तैनात थे, तब उन्होंने सरकार के गाइडलाइन को दरकिनार करते हुए पूरे सरकारी रुपये को भागलपुर में सृजन महिला विकास सहयोग समिति के एकाउंट में ट्रांसफर कर दिया. इसके साथ ही सरकारी बचत खाते का संचालन नहीं किया और इस खाते से सूद की राशि की रिकवरी भी नहीं की. इस पूरे प्रकरण के बारे में पूछने पर उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया. ऐसे में सीबीआई ने उनपर कार्रवाई की है.

विभाग की कार्रवाई की घोटाले की हुई है पुष्टि

बताया जा रहा है कि घटना के सामने आने के बाद उनपर विभाग के द्वारा कार्रवाई के लिए टीम का गठन किया गया. जब जांच शुरू हुई तो उस वक्त जल संसाधन विभाग में तैनात थे. जनवरी 2018 में उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया. मगर विभाग जो लिखित जवाब उन्होंने दिया वो स्वीकार के योग्य नहीं माना गया. इसके बाद जांच को जांच आयुक्त के स्तर पर दे दिया गया. इसमें उनपर लगे छह आरोप सीधे रुप से सही पाए गए थे. इसके अतिरिक्त उनपर सीबीआई जांच भी चल रही थी.

Next Article

Exit mobile version