भागलपुर/पटना. सीबीआइ ने सृजन घोटाले में एक और मामला दर्ज किया है. यह मामला कल्याण विभाग के बैंक खाते से 99 करोड़ 88 लाख 69 हजार 830 रुपये गबन का है. सीबीआइ के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में बुधवार को दर्ज कराये गये नये मामले आरसी 10 (एए) 21 में बैंक ऑफ बड़ौदा की डॉ आरपी रोड शाखा, इंडियन बैंक की पटल बाबू रोड शाखा व बैंक ऑफ इंडिया की खलीफाबाग शाखा के तत्कालीन प्रबंधक व संबंधित कर्मी और सृजन के सभी पदधारकों को आरोपित बनाया गया है.
आरोप है कि इनकी मिलीभगत से राशि का गबन किया गया है. इससे पहले 23 दिसंबर, 2020 को इसे लेकर जिला कल्याण पदाधिकारी श्याम प्रसाद यादव ने कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसी के आधार पर सीबीआइ ने कार्रवाई की है.
सृजन मामले में महालेखाकार लेखा परीक्षा दल ने वर्ष 2007 से 2017 के बीच की अवधि का विशेष ऑडिट किया था. इसमें 99 करोड़ 88 लाख 69 हजार 830 रुपये का अतिरिक्त गबन पकड़ में आया था. इस पर डीएम ने छह मार्च, 2020 को मुख्यालय को पत्र भेजा था. इसी पत्र के आधार पर एससी-एसटी कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव ने गृह विभाग को भेज कर मामले की जांच सीबीआइ से कराने का अनुरोध किया था.
सृजन मामले में सीबीआइ पहले से जांच कर रही है. लेकिन गृह विभाग ने सुझाव देते हुए कहा कि नियमानुसार पहले प्राथमिकी दर्ज कराएं, फिर उसकी कॉपी सीबीआइ को भेजी जा सकेगी. इसके बाद एससी-एसटी कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव ने गत 10 दिसंबर, 2020 को डीएम को पत्र भेज कर जिला कल्याण शाखा या डीएम के स्तर से वादी नामित कर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया. इसी आधार पर डीएम ने जिला कल्याण पदाधिकारी को वादी नामित कर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया. फिर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
बैंक ऑफ बड़ौदा : बैंक की डॉ आरपी रोड स्थित शाखा में प्रस्तुत 110 बैंकर्स चेक, विपत्र की राशि 82.36 करोड़ रुपये का जिला कल्याण पदाधिकारी के नाम से भुगतान करना था. लेकिन यह राशि सृजन के खातों में ट्रांसफर कर दी गयी.
इंडियन बैंक : बैंक की पटल बाबू रोड शाखा में प्रस्तुत 33 बैंकर्स चेक, चेक व विपत्र की राशि 10. 60 करोड़ का भागलपुर के जिला कल्याण पदाधिकारी के नाम से भुगतान करना था. लेकिन, सृजन के खाता में यह राशि ट्रांसफर कर दी गयी.
बैंक ऑफ इंडिया : बैंक की त्रिवेणी अपार्टमेंट शाखा में 2.91 करोड़ कुल 11 विपत्र, बैंकर्स चेक से प्रस्तुत किया गया था. साथ ही कार्यालय से जारी दो चेक की राशि चार करोड़ रुपये का जिला कल्याण पदाधिकारी के पदनाम से भुगतान करना था. लेकिन, इसे सृजन के खातों में ट्रांसफर कर दिया गया.
Posted by Ashish Jha