कल्यण विभाग के बैक खाते से 99 करोड़ 88 लाख 69 हजार 830 रुपये गबन की प्राथमिकी पर सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है. कभी भी कई अन्य जानकारी लेने के लिए जांच अधिकारी जिला कल्यण शाखा पहुंच सकते है. कल्यण विभाग से मिले कुछ कागजात से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गयी है, जिसका अवलोकन सीबीआई करेगी. इन कागजातों में महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट, वर्ष 2007 से 2017 तक जिला कल्यण पदाधिकारियों की सूची और इस दौरान के कैश बुक शामिल है. ये कागजात जांच का आधार माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि यह कागजात कल्यण शाखा ने सीबीआई को दे दिया है, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
सृजन मामले में महालेखाकार लेखा परीक्षा दल द्वारा वर्ष 2007 से 2017 के बीच की अवधि का विशेष अंकेक्षण किया गया था. इसमे 99 करोड 88 लाख 69 हजार 830 रुपये का अतिरिक्त गबन पकड़ में आया था. इस पर जिलाधिकारी ने 06.03.2020 को मुख्यालय को पत्र भेजा था. इसी पत्र के आधार पर एससी एसटी कल्याण विभाग के संयुक सचिव ने गृह विभाग को भेज कर मामले की जांच सीबीआई से कराने का अनुरोध किया था. वजह यह थी कि सृजन मामले में सीबीआई पहले से जांच कर रही है. लेकिन गृह विभाग ने सुझाव देते हुए कहा कि नियमानुसार पहले प्राथमिकी दर्ज कराएं, फिर उसकी कॉपी सीबीआई को भेजी जा सकेगी.
इसके बाद डीएम के निर्देश पर जिला कल्याण पदाधिकारी ने कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज करायी और फिर यह केस सरकार ने सीबीआई के हवाले किया. कल्याण विभाग के बैक खाते से यह घोटाला 156 चेक के माध्यम से किया गया. बैक ऑफ बड़दा की डॉ आरपी रोड स्थित शाखा से कुल राशि 82 करोड 36 लाख 77 हजार 718 रुपये सृजन के विभिन खाते में ट्रांसफर करने का आरोप है. इंडियन बैक की पटल बाबू रोड स्थित शाखा से कुल राशि 10 करोड़ 60 लाख 58 हजार 400 रुपये सृजन के विभिन बैक खाते में ट्रांसफर करने का आरोप है.
बैक ऑफ इंडिया की खलीफाबाग स्थित त्रिवेणी अपार्मेट शाखा मे दो करोड़ 91 लाख 33 हजार 712 रुपये कुल 11 विपत, बैकर्स चेक से प्रस्तुत किया गया था. साथ ही कार्यालय से जारी दो चेक संख्या 725527 की राशि दो करोड़ और चेक संख्या 755931 की राशि दो करोड़ रुपये जिला कल्याण पदाधिकारी के पदनाम से भुगतान करना था. इसे सृजन के विभिन बैक खाते मे ट्रांसफर कर देने का आरोप है.
Posted by: Radheshyam Kushwaha