सृजन घोटाला: मनोरमा की बहू सीमा ने किया सरेंडर, भेजा गया जेल

सीबीआइ की विशेष अदालत में गुरुवार को अरबों रुपये के गबन मामले में सृजन की आरोपित सीमा कुमारी ने आत्मसमर्पण कर दिया. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें सात सितंबर तक के लिए जेल भेज दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | August 27, 2021 6:25 AM

पटना. सीबीआइ की विशेष अदालत में गुरुवार को अरबों रुपये के गबन मामले में सृजन की आरोपित सीमा कुमारी ने आत्मसमर्पण कर दिया. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें सात सितंबर तक के लिए जेल भेज दिया. सृजन का यह मामला आरसी 6पी, 2018 का है, जिसमें सीबीआइ ने अनुसांधन के बाद कुल 10 अभियुक्तों के खिलाफ 31 दिसंबर, 2020 को आरोप पत्र समर्पित किया था.

सीमा सृजन संस्था की तत्कालीन सचिव मनोरमा देवी की बहू और प्रणव कुमार की पत्नी हैं. वह सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड, सबौर की पदधारक भी थी. वर्तमान में इस मामले में सीमा कुमारी के अलावा रूबी कुमारी, पूर्णेंदु कुमार, शुभलक्ष्मी और सरिता झा जेल में बंद हैं. वारंट जारी होने के बाद अभी तक रजनी प्रिया, जसीमा खातून, राजरानी वर्मा, अपर्णा वर्मा व सतीश कुमार झा उपस्थित नहीं हुए हैं और सीबीआइ की गिरफ्त से बाहर हैं.

यह मामला भागलपुर कोतवाली से संबंधित है, जिसमें आरोपितों ने आपसी षड्यंत्र कर महिला सृजन संस्थान को लाभ पहुंचाने की नीयत से कर्मियों के सहयोग से एक अरब 69 करोड़ की अधिक की राशि का गबन पर सरकारी रुपयों का बंदरबांट किया. सीबीआइ ने वर्ष 2018 में 120 बी, 409, 420, 467, 468 व 471 में 10 आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

सीमा से इडी भी कर चुकी है पूछताछ

प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा शहर के बड़े व्यवसायी प्रणव कुमार घोष (पीके घोष) की गिरफ्तारी से पहले इडी के अधिकारियों ने सृजन संस्था की पूर्व सचिव स्व मनोरमा देवी की बहू सीमा कुमारी का बयान भी दर्ज किया था. सीमा के साथ मनोरमा की बेटी कल्पना कर्ण से भी पूछताछ की गयी थी.

दोनों ने बयान दिया था कि मनोरमा देवी का पीके घोष करीबी सहयोगी था. मनोरमा देवी के साथ उनके आवास पर घोष की नियमित बैठक होती थी. सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के मामलों के प्रबंधन में मनोरमा देवी को सलाह दिया करते थे.

जब मनोरमा देवी बहुत बीमार थी और तत्काल उपचार की आवश्यकता थी, तो भागलपुर से नयी दिल्ली के लिए एयर एंबुलेंस से भेजने की व्यवस्था की गयी थी. इस दौरान घोष ने उसे बिना महत्वपूर्ण दस्तावेज दिये उड़ान भरने से रोक दिया था.

Posted by Ashish Jha

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