पटना. राज्य के बहुचर्चित सृजन घोटाला मामले के मुख्य आरोपित पीके घोष को इडी ने गिरफ्तार किया था. उसे पांच दिनों की रिमांड पर लेकर गहन पूछताछ की गयी थी. 17 अगस्त को रिमांड अवधि समाप्त होने पर उसे वापस जेल भेज दिया गया है, परंतु इस पूछताछ के दौरान इडी को कई बेहद महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं.
इस दौरान उसने यह जानकारी दी है कि किन-किन प्रमुख लोगों को पैसे दिये गये हैं. इसमें कुछ पूर्व आइएएस, वर्तमान आइएएस के अलावा आइपीएस, बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के अलावा कुछ अन्य सेक्टर के भी प्रमुख लोग शामिल हैं.
हालांकि, राज्य सरकार के स्तर से अब तक इस घोटाले में शामिल दो आइएएस समेत बिप्रसे के करीब 18 पदाधिकारियों पर मुकदमा चलाने का आदेश जारी हो चुका है, परंतु पीके घोष की पूछताछ में कुछ नये अधिकारियों के भी नाम सामने आये हैं.
सृजन महिला सहयोग समिति लिमिटेड की प्रमुख स्वर्गीय मनोरमा देवी का निजी सहायक होने के साथ ही वह सृजन के सभी बैंक खाते का हिसाब भी रखता था. इस वजह से पैसे की पूरी घपलेबाजी में इसकी भूमिका सबसे अहम रही है. इस वजह से ब्लैकमनी के बंदरबांट से जुड़ी बेहद अहम जानकारी उसके पास से मिली है.
इस पूरी पूछताछ में कुछ अहम बातें भी सामने आयी हैं. इसमें कुछ एक बड़े सफेदपोशों के नाम भी सामने आयी हैं, जिनके पास कैश में पैसे पहुंचते थे. ये बड़े सफेदपोश किसी खास मौके या व्यावसायिक निवेश के लिए कैश में ही सृजन से पैसे लेते थे.
इन रुपये को वीआइपी गाड़ी में लेकर सृजन के कुछ खास लोग लेकर जाते थे या कई बार उनके लोग ही आकर पैसे ले जाते थे. किन-किन लोगों को कितने रुपये मिले हैं, फिलहाल इसकी जांच चल रही है. इडी को जिन नये लोगों के नाम मिले हैं, फिलहाल उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी गयी है.
इससे यह स्पष्ट हो सके कि इनकी भूमिका कितनी है. इसके अलावा उसने यह भी बताया है कि किन सफेदपोशों या अधिकारियों को किस तरह के गिफ्ट दिये जाते थे. इसमें विदेश यात्रा से लेकर गोल्ड ज्वेलरी से लेकर फ्लैट-प्लॉट से लेकर अन्य चीजें शामिल हैं.
बिहार पुलिस की विशेष अन्वेषण दल की जांच के बाद इस मामले की पड़ताल सीबीआइ और इडी संयुक्त रूप से कर रही है. हालांकि, दोनों जांच का दायरा अलग है. इडी पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट) संबंधित मामलों के ईर्द-गिर्द ही जांच कर रही है, जबकि सीबीआइ पूरे घोटाले में भ्रष्टाचार निवारण निरोध अधिनियम, धोखाधड़ी, सरकारी राशि का गबन, आपराधिक मामले समेत अन्य सभी मामलों की जांच कर रही है, परंतु अब तक दोनों एजेंसियों के स्तर से यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह घोटाला कुल कितने का है.
शुरुआती जांच में इसके 300 से 500 करोड़ के आसपास होने की बात कही जा रही है. पूरे घोटाले की सटीक जानकारी जांच पूरी होने के बाद ही सामने आ पायेगी. दोनों एजेंसियों की जांच के बाद ही राशि स्पष्ट हो पायेगी.
Posted by Ashish Jha